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 टोक्यो में फटा ज्वालामुखी, समुद्र के अंदर से निकले WW II के 2 दर्जन जहाज

जापान की राजधानी टोक्यो के पास प्रशांत महासागर के अंदर एक ज्वालामुखी फटा। कुछ भूकंप आए। इसके बाद समुद्र के अंदर से द्वितीय विश्वयुद्ध के डूबे हुए दो दर्जन भूतिया जहाज बाहर आ गए।

जापान के ऑल निप्पो न्यूज (ANN) के हेलिकॉप्टर फुटेज में इन जहाजों को देखा गया। हेलिकॉप्टर भूकंपीय गतिविधि और ज्वालामुखी विस्फोट के बाद इस समुद्री इलाके से खबरों के लिए तस्वीरें ले रहा था और वीडियो फुटेज बना रहा था।

टोक्यो से 1200 किलोमीटर दक्षिण में प्रशांत महासागर में स्थित इयो जीमा (Iwo Jima) द्वीप के पास द्वितीय विश्वयुद्ध के 24 युद्धपोत देखे गए। ये समुद्र के अंदर डूबे हुए थे। लेकिन फुकुतोकू-ओकानोबा ज्वालामुखी (Fukutoku-Okanoba) फटने और भूकंप आने की वजह से ये किसी तरह बाहर निकल आए। इनमें से कई जहाज द्वीप के तटों के पास बहकर आ गए थे।

अब जानते हैं इस इलाके की कहानी कि आखिर सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय यहां क्या हुआ था। इस स्थान पर हुई लड़ाई को बैटल ऑफ इयो जीमा (Battle of Iwo Jima) कहते हैं। 1945 में हुए भयानक युद्ध में अमेरिकी सेना ने यहां कई जहाजों को डुबा दिया था। यहां 70 हजार अमेरिकी मरीन्स जापान के 20 हजार सैनिकों से लड़ाई कर रहे थे। इस युद्ध के अंत तक 20 हजार अमेरिकी मरीन्स घायल हुए थे। करीब 7000 मरीन्स मारे गए थे। जापानी सैनिकों में से सिर्फ 216 सैनिक ही बचे थे।

जो जहाज पानी से बाहर निकले हैं उनमें से ज्यादातर ट्रांसपोर्ट वेसल हैं। जिन्हें अमेरिकी नौसेना ने जब्त किया था। अमेरिकी नेशनल आर्काइव के अनुसार बाद में अमेरिकी सैनिकों ने इन्हें बम से उड़ाकर समुद्र में डूबो दिया था। इयो जीमा में कोई बंदरगाह था नहीं, इसलिए जहाज द्वीप के समानांतर डूबते हुए समुद्र के अंदर चले गए। इससे समुद्र के अंदर एक दीवार जैसी बन गई। ये तेज लहरों और हथियारों से द्वीप को बचाते रहे।

जापान की सरकार के सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड वॉल्कैनो रिसर्च के निदेशक सेतसुया नाकाडा ने बताया कि फुकुतोकू-ओकानोबा (Fukutoku-Okanoba) ज्वालामुखी इस साल अगस्त से लगातार समुद्र के अंदर विस्फोट कर रहा है। विस्फोट की वजह से लगातार भूकंप आ रहे हैं। जिसकी वजह से यहां पर जमा हो रहे राख और लावा के पत्थरों से समुद्र के अंदर टीले बन रहे हैं। इन टीलों के बनने से तलहटी की मिट्टी खिसक रही है, जिससे ये जहाज ऊपर की ओर आ रहे हैं। ज्वालामुखी के आसपास अर्धचंद्राकार द्वीप बन गया है।

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इयो जीमा द्वीप बोनिन आइलैंड (Bonin Islands) का हिस्सा है। यहां पर ऐसे करीब 30 आइलैंड्स हैं। ये द्वीप प्रशांत महासागर के नीचे मौजूद पैसिफिक टेक्टोनिक प्लेट और फिलिपींस सी प्लेट के टकराव से बने हैं। ये पूरा द्वीप समूह भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियों के निशाने पर रहता है। यानी यहां पर सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं। सबसे ज्यादा ज्वालामुखी विस्फोट की आशंका रहती हैं।

जापान के मौसम विभाग के अनुसार पिछले कुछ महीनों में इयो जीमा द्वीप के पास 7 अक्टूबर 2021 को 5।9 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसकी वजह से टोक्यो समेत पूरे जापान की जमीन हिल गई थी। यहां पर एक और ज्वालामुखीय द्वीप है। जिसका नाम निशिनोशीमा (Nishinoshima) है। यह साल 2013 से लगातार फट रहा है। लावा और गैस उगल रहा है। इयो जीमा पर मौजूद माउंट सुरीबाची (Mount Suribachi) शांत था लेकिन हाल ही में इसे सक्रिय ज्वालामुखी की श्रेणी में डाल दिया गया है। इसे दुनिया के 10 सबसे खतरनाक ज्वालामुखियों में एक माना जाता है। ऐसा माना जा रहा है कि ये कभी भी फट सकता है। सेतसुया नाकाडा ने ANN को दिए इंटरव्यू में बताया कि इस पूरे 30 द्वीपों के समूह के आसपास आपको समुद्र के कई रंग देखने को मिलेंगे। ऐसा समुद्र के अंदर ज्वालामुखी फटने की वजह से हो रहा है। इयो जीमा द्वीप पर एक बड़ा विस्फोट किसी भी समय हो सकता है। अगर माउंट सुरीबाची में विस्फोट होता है या फिर समुद्र की तलहटी धंसती है तो कई समुद्री खजाने बाहर आ सकते हैं। इस द्वीप पर कोई रहता है नहीं इसलिए दोनों ही प्राकृतिक आपदाओं में तबाही कम होगी।

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