सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा और उन्हें प्रसन्न करने को लेकर कई नियम बताए गए हैं. इन नियम के अनुसार, अगर भक्त भगवान की आराधना करता है, तो उसे मनचाहा फल प्राप्त होता है. धन की देवी कही जाने वाली माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) को सप्ताह के सातों दिनों में से शुक्रवार का दिन समर्पित किया गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कहा जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है, उस घर में देवी लक्ष्मी (Mata Lakshmi) का वास माना जाता है और जिस घर में गंदगी होती है, वहां दरिद्रता अपने पैर पसारती है. देवी लक्ष्मी (Mata Lakshmi) वहां से रुष्ट होकर चली जाती हैं. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा आज हमें बता रहे हैं माता लक्ष्मी की प्रिय चीजों के बारे में, आइए जानते हैं.
वैसे तो देवी लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा में कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं होती. परंतु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो वस्तुएं पसंद हैं, उनके बारे में बता रहे हैं.
फूल- देवी लक्ष्मी का पसंदीदा फूल है कमल और गुलाब. इन्हें अर्पित करने से वे अत्यंत प्रसन्न हो जाती हैं.
वस्त्र- देवी लक्ष्मी को लाल गुलाबी या पीले रंग का रेशमी वस्त्र पसंद है.
फल- मां लक्ष्मी को फल में श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार और सिंघाड़े पसंद हैं.
इत्र- इत्र की सुगंध के रूप में चंदन, केवड़ा और गुलाब की खुशबू आप देवी लक्ष्मी की पूजा में अर्पित कर सकते हैं.
अनाज- माता लक्ष्मी को अनाज के रूप में चावल बहुत पसंद है.
मिठाई- महालक्ष्मी को घर पर बनी केसर की मिठाई या फिर हलवा अतिप्रिय है.
प्रकाश- देवी लक्ष्मी के समक्ष गाय के घी, मूंगफली या फिर तिल्ली के तेल का दीपक लगाना चाहिए.
आभूषण- माता लक्ष्मी को सोने की धातु के बने आभूषण और रत्न अत्यंत प्रिय हैं.
अन्य वस्तुएं- माता लक्ष्मी को गन्ना, कमलगट्टा, खड़ी हल्दी, बेलपत्र, भोजपत्र, पंचामृत, गंगाजल, सिंदूर अति प्रिय हैं.
गोबर से लिपाई- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता लक्ष्मी के पूजा स्थल को गाय के गोबर से लीपना अति शुभ माना गया है.
ऊन का आसन- देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए ऊन के आसन पर बैठकर पूजा करना सर्वोत्तम माना गया है.