मुंबई. भारी बारिश की वजह से महाराष्ट्र के कोल्हापुर, रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे और नागपुर के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। रत्नागिरी जिले के चिपलून में अपरांत हॉस्पिटल में बाढ़ का पानी घुसने से यहां की पावर सप्लाई ठप हो गई। इससे 8 मरीजों की मौत हो गई। इस हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों को इलाज चल रहा है। मरने वाले सभी लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे।
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उधर, रायगढ़ के तलई गांव में पहाड़ का मलबा रिहायशी इलाके पर गिर पड़ा। इसके नीचे 35 घर दब गए। इस हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई है, 70 से ज्यादा लोग लापता हैं। 38 के शव बाहर निकाले गए हैं। मलबे के नीचे करीब 80 से 90 लोगों के दबे होने की आशंका है। अत्यधिक बारिश होने की वजह से ज्यादातर लोग अपने-अपने घरों में थे। घटना स्थल पर पहुंचे विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर और गिरिश महाजन के मुताबिक मलबे के नीचे 40 से 45 और शवों के होने की आशंका है। इस घटना को 2005 में हुई मालीन में हुई दुर्घटना से भी अधिक भयानक बताया जा रहा है।
मृतकों के परिवार वालों के लिए 2-2 लाख रुपए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायगढ़ की इस दुर्घटना को लेकर दुख और संताप व्यक्त किया है। साथ ही मृतकों के परिवार वालों के लिए 2-2 लाख रुपए राहत और घायलों के लिए 50-50 हजार की मदद का ऐलान किया है। पीएमओ द्वारा ट्विट कर इसकी जानकारी दी गई है। ट्विट कर जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा है कि महाराष्ट्र में अत्यधिक बरसात से उत्पन्न परिस्थिति पर नजर रखी जा रही है और हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है।
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मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
बरसाती नदियों का पानी शहरों, कस्बों और गांवों में घुस गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए कोंकण, मुंबई और इसके आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
पानी में डूबा चिपलून
चिपलून कस्बा पूरी तरह से जलमग्न है। नगर निगम, तट रक्षक और राजस्व के बचाव दल निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लांजा, राजापुर, संगमेश्वर कस्बे और आस-पास के इलाके भी बारिश से प्रभावित हुए हैं।