जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में कोरोना कॉल को देखते हुए मोहर्रम की पहली तारीख को फजिल की नमाज के बाद से मजलिस मातमों का सिलसिला शुरू हो गया लेकिन मजलिस व मातम में लोग दिखाई पड़े।
जौनपुर नगर के सदर इमामबाड़ा, जौनपुर अजादारी कौसिंल के कार्यालय, नकी फाटक, कटघरा, सदर चुंगी, उर्दू बाजार, बलुआ घाट, सिपाह, पोस्तीखाना, बड़ी मस्जिद, मखदूम शाह अढ़न, कल्लू का इमामबाड़ा, चहारसू का इमामबाड़ा, चहारसू स्थित मस्जिद से ‘या हुसैन’ की सदा आने लगी। इसी क्रम में मखदूम शाह अढ़न पर स्थित शेख नुरूल हसन मेमोरियल सोसायटी कार्यालय पर मजलिस का आयोजन हुआ।
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जौनपुर नगर के मुफ़्ती मुहल्ला में शुक्रवार की रात अंगार-ए-मातम ( जलते अंगारों पर चल कर ) मातम हुआ, इसमें लोग जलते हुए अंगारे पर चल कर मातम करते हुए या हुसैन – या हुसैन कहते रहे। अंगारों पर मातम करने वालों के पैर नही जलते हैं ।