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क्या हो गया है अमित शाह को, रात-दिन, सोते जागते सरकार गिराने में ही सोचते रहते हैं : गहलोत

अशोक गहलोत

अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दिनरात चुनी राज्य सरकारों को गिरानेे के बारे में सोचते रहते हैं।

श्री गहलोत ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि सत्ता पलटने के खेल में सत्ता में बैठे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं में अमित शाह अग्रिम मोर्च पर आते हैं, चाहे वह कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गोवा, मणिपुर हो या अरुणाचल प्रदेश, सब जगह वही नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह का क्या हो गया है कि वह रात-दिन, सोते जागते हर वक्त राज्य सरकारें गिराने की सोचते रहते हैं।

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श्री गहलाेत ने कहा कि चुनी हुई सरकारें यदि इस तरह से गिरने लगेंगी, तो देश में लोकतंत्र कहां बचेगा। हम देश में लोकतंत्र बचाने का अभियान हम चला रहे हैं। दल तो आते जाते रहते हैं, सरकारें बनेंगी-जाएंगी, व्यक्ति आएंगे जाएंगे, लेकिन लोकतंत्र नहीं रहेगा तो क्या होगा देश का। उन्होंने कहा कि 70 साल तक कांग्रेस ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, बेअंतसिंह जी की कुर्बानियां देकर लोकतंत्र को मजबूत रखा, देश एक रहा, अखंड रहा। पाकिस्तान की तरह बार-बार यहां पर सैनिकों का शासन नहीं हुआ। उस मुल्क में आज लोकतंत्र की हत्या हो रही है, उसकी चिंता हम सबको है।

उन्होंने कहा कि सारा देश राजस्थान के घटनाक्रम से वाकिफ है। दुर्भाग्य से भाजपा नेताओं ने जिस रूप में इस खेल को खेला है, हमारे साथियों को जिस प्रकार से षड्यंत्र करके मानेसर में गुड़गांव में होटलों में रिसॉर्ट में रखा गया है, यह सारा घटनाक्रम सबको मालुम है। श्री गहलाेत ने कहा कि राज्यपाल महोदय ने 14 अगस्त को विधानसभा सत्र आहूत करने का आदेश दिया है, जबकि हमारे विधायक 15 से ज्यादा दिनों से वहां बैठे हुए हैं, इस बारे में लोकतांत्रिक स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

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श्री गहलोत ने कहा कि हम पिछले तीन-चार-पांच महीनों से पूरी क्षमता से कोरोना की जंग लड़ रहे हैं। लोग बहुत खुश हुए कि सरकार जो कर सकती है उससे अधिक कर रही है, चाहे नकदी बांटने की बात हो, चाहे गेहूं, दाल बांटने की बात हो, या खाने के पैकेट, दानदाताओं ने भामाशाहों ने खूब मदद की। विधायक कोष से, चाहे बीजेपी के हों चाहे कांग्रेस के हों चाहे कोई हों, कोई कमी नहीं रखी, सबने मिलकर इस जंग को लड़ने का प्रयास किया, पूरे मुल्क में राजस्थान की वाहवाही हुई। यहां सब पक्ष-विपक्ष, सब पार्टियों वाले, सब धर्मगुरु, दानदाता सब आगे आ रहे हैं और इलाज में हमने कमी नहीं रखी। नए-नए प्रयोग किये गये इसीलिए पूरे विश्व के अंदर उसकी तारीफ हुई।

उन्होंने कहा कि हमने 40 हजार जांचें प्रतिदिन करने की क्षमता हासिल कर ली है, उसी रूप में यहां पर इलाज हो रहे हैं, मृत्युदर सबसे कम है। अब तो एक प्रतिशत से भी कम मृत्युदर रह गई है जो देश में सबसे कम है। स्वस्थ होने की दर सबसे अच्छी है। यहां सब अच्छा हो रहा है।

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