नई दिल्ली। देश के लगभग सभी सरकारी बैंकों में हड़ताल के चलते कामकाज प्रभावित हुआ। यह हड़ताल केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई थी। हड़ताल में कुछ बैंक यूनियनों के शामिल होने से गुरुवार को देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बैंकिंग कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है। इस हड़ताल की वजह से पैसों का लेन-देन और बाकी कामकाज प्रभावित हुए। यह उन जगहों पर अधिक है, जहां हड़ताल में भाग लेने वाली यूनियनें मजबूत हैं। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंकों में काम हो रहा है।
भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनें विभिन्न सरकारी नीतियों के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रही हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र सहित कई कर्जदाताओं ने पहले ही ग्राहकों को सूचित कर दिया था कि हड़ताल के कारण ब्रांचों और कार्यालयों में सामान्य कामकाज बाधित रह सकता है।
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ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) और बैंक इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI) इस हड़ताल में भाग ले रही हैं। इसके अलावा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC) ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है।
एआईबीईए (AIBEA) ने एक बयान में कहा, ‘कारोबार सुगमता के नाम पर लोकसभा ने हाल में तीन नए श्रम कानून पारित किए हैं। यह पूरी तरह से कॉरपोरेट के हित में है। करीब 75 फीसद कर्मचारियों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है और नए कानूनों के तहत उनके पास कोई विधिक संरक्षण नहीं है।’
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दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियान ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-इम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) ने इस हड़ताल को बुलाया है।