आंवला नवमी (Amla Navmi) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। ऐसा कहते हैं कि इस दिन आंवले के पेड़ में श्रीहरि निवास करते हैं और इस शुभ अवसर पर किए गए कार्यों का अक्षय यानी कभी न खत्म होने वाला फल प्राप्त होता है। आंवला नवमी (Amla Navmi) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है और इस बार यह तिथि 30 और 31 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रही है, जिसके चलते कंफ्यूजन बन रही है कि यह पर्व कब मनाया जाए। चलिए हम आपको बताते हैं कि आंवला नवमी कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
आंवला नवमी (Amla Navmi) कब है 2025?
पंचांग के मुताबिक, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 07 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर आंवला नवमी यानी अक्षय नवमी 31 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
आंवला नवमी (Amla Navmi) का शुभ मुहूर्त कब है?
आंवला नवमी (Amla Navmi) पर पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2025 को सुबह 06 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। इस पावन दिन आंवले के पेड़ की पूजा और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है।
आंवला नवमी (Amla Navmi) पूजा मुहूर्त – 31 अक्टूबर को सुबह 6:37 से सुबह 10:04 मिनट तक।
आंवला नवमी (Amla Navmi) का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, आंवला नवमी पर भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करने से अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। यह तिथि द्वापर युग की शुरुआत का प्रतीक मानी गई है, इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा गया है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा कर परिवार की अरोग्यता और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन तप, जप, दान और व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से शरीर के रोग दूर होते हैं और मन की शांति प्राप्त होती है।








