हिंदू धर्म में चैत्र महीने का खास महत्व होता है। यह महीना पूर्णरूप से मां दुर्गा को समर्पित होता है। ऐसे में इस महीने में रोजाना जगत देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही, इस महीने में चैत्र नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक व्रत रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि माता रानी की पूजा करने से अमोघ और अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) पर गंगा स्नान करना बहुत मंगलकारी और पुण्यदायी माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) के दिन गंगा स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं और अश्वमेघ यज्ञ समान फल मिलता है। इस बार चैत्र पूर्णिमा पर कई मंगलकारी योग भी बन रहे हैं। आइए आपको बताते हैं चैत्र पूर्णिमा पर बनने वाले शुभ योग और मुहूर्त।
2025 में चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को देर रात 3:21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस पूर्णिमा तिथि का समान 13 अप्रैल को सुबह 05:51 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी। चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 06:18 मिनट पर रहेगा।
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) शुभ योग
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) पर भद्रावास योग बन रहा है। वहीं, इस दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा, चैत्र पूर्णिमा पर अभिजीत और हर्षण मुहूर्त योग का भी संयोग है। ऐसे में इन शुभ योगों में गंगा स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है।
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) शुभ मुहूर्त 2025
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:29 मिनट से 5:14 मिनट तक।
विजय मुहूर्त – दोपहर 2:30 मिनट से 3:21 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 6:44 मिनट से 7:06 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त – रात 11:59 मिनट से 12:44 मिनट तक।