हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है। सावन माह की पूर्णिमा (Sawan Purnima) साल की पांचवी पूर्णिमा होती है, जिसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक होता है ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन से सावन का महीना समाप्त हो जाता है साथ ही इस दिन भाई बहन का पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस दिन को कजरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
श्रावण पूर्णिमा (Sawan Purnima) के दिन भक्त स्नान-दान कर इस दिन व्रत करते हैं। पूर्णिमा के व्रत का पारण रात में चंद्र दर्शन के बाद किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है।
श्रावण पूर्णिमा (Sawan Purnima) 2025 तिथि
पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 8 अगस्त, 2025 को दोपहर 02:12 मिनट पर होगी,
पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त को दोपहर 1:24 मिनट पर समाप्त होगी।
साल 2025 में श्रावण माह की पूर्णिमा 9 अगस्त, शनिवार के दिन पड़ रही है।
इस दिन चंद्रोदय का समय रहेगा शाम 7:21 मिनट रहेगा।
सावन पूर्णिमा (Sawan Purnima) के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं भाई बहनों को सुरक्षा का वचन देते हैं। साथ ही सावन माह की पूर्णिमा के दिन गायत्री जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन को देवी गायत्री जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
श्रावण पूर्णिमा (Sawan Purnima) 2025 पूजन विधि
– सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें।
– इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें, नहीं जा सकते हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें।
– इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है।
– मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित करें, उन्हें पूले फूल, फल आदि अर्पित करें।
– सत्यनारायण भगवान की कथा करें, प्रसाद को भोग लगाएं, लोगों में बांटे।
– रात के समय चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।
– इस दिन दान का विशेष महत्व है, जरूरतमंदों को दान जरूर दें।