हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं, योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त…
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) डेट– 22 जून को गृहस्थ और 23 जून को वैष्णवों के लिए योगिनी एकादशी है।
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पारण टाइम-
22 जून को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 01:47 पी एम से 04:35 पी एम
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 09:41 ए एम
23 जून को एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 05:24 ए एम से 08:12 ए एम
पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पूजा-विधि
– सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
– घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
– भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
– भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
– अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
– भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट
श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
पुष्प
नारियल
सुपारी
फल
लौंग
धूप
दीप
घी
पंचामृत
अक्षत
तुलसी दल
चंदन
मिष्ठान