मुंबई। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) आज (24 अप्रैल) 49 साल के हो गए। महज 16 साल 205 दिन की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन ने 24 साल तक अपने खेल से फैन्स का भरपूर मनोरंजन किया। इस स्वर्णिम सफर के दौरान सचिन ने इतने कीर्तिमान रच डाले कि उन्हें ‘क्रिकेट के भगवान’ का दर्जा दे दिया गया।
सचिन तेंदुलकर ने 664 अंतरराष्ट्रीय मैचों में रिकॉर्ड 34 हजार 357 रन बनाए। इस दौरान सचिन ने 100 शतक और 164 अर्धशतक लगाए। उन्होंने गेंदबाजी में भी जादू दिखाते हुए 201 विकेट अपने नाम किए। सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेटिंग करियर में भारतीय टीम की जर्सी में खेलते हुए रनोंं का अंबार खड़ा किया। लेकिन बहुत कम लोगों खो को मालूम होगा कि सचिन को एक बार पाकिस्तान टीम के लिए भी मैदान पर उतरना पड़ा था, वो भी भारतीय टीम के खिलाफ।
ब्रेबोर्न में खेला गया था मुकाबला
बात साल 1987 की है, जब सचिन तेंदुलकर का इंटरनेशनल डेब्यू भी नहीं हुआ था। उस साल पाकिस्तानी टीम पांच टेस्ट मैच और छह वनडे खेलने भारत दौरे पर आई हुई थी। सीरीज की शुरुआत से पहले 20 जनवरी 1987 को भारत और पाकिस्तान के बीच मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में 40-40 ओवरों का एक प्रदर्शनी मुकाबला खेला गया था।
सचिन तेंदुलकर बने दुनिया के तीसरे सबसे प्रशंसित खिलाड़ी
उस मैच में जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर लंच के समय मैदान से बाहर चले गए थे। ऐसे में भारतीय पारी के दौरान 13 साल के नन्हे सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान टीम की ओर से सब्स्टीट्यूट फील्डर के तौर पर मैदान पर उतरे। उन्हें पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान ने वाइड लॉन्ग ऑन पर तैनात किया। सचिन ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ में इसका जिक्र किया है।
…तो पकड़ लेते कपिल देव का कैच
सचिन ने आत्मकथा में लिखा है, ‘मुझे नहीं पता कि इमरान खान को याद होगा या नहीं कि मैंने एक बार पाकिस्तानी टीम के लिए फील्डिंग की है’। मास्टर ब्लास्टर ने यह भी लिखा कि वह फील्डिंग के दौरान लगभग 15 मीटर दौड़ते हुए कपिल का कैच पकड़ने के भी काफी करीब आ गए थे। कुछ साल बाद सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ ही कराची टेस्ट मैच में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने में कामयाब रहे। उस डेब्यू के बाद सचिन ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
छठां वनडे विश्व कप खेल सचिन की बराबरी पर पहुंची मिताली
भारत ने छह विकेट से जीता था वह मैच
उस प्रदर्शनी मुकाबले में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 189 रनोंं का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में रवि शास्त्री की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने चार विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सबसे ज्यादा 80 और रोजर बिन्नी ने 63 रनोंं का योगदान दिया था।