रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन अक्सर यह सवाल मन में आता है कि राखी का त्योहार खत्म होने के बाद इसे कितने दिनों तक कलाई पर बांधे रखना चाहिए? क्या इसे तुरंत उतार देना चाहिए या इसका कोई विशेष नियम है? चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार।
धार्मिक मान्यताएं और नियम
पूर्णिमा से लेकर अगले 15 दिन तक
सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य या पवित्र वस्तु को तुरंत उतार देना अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राखी (Rakhi) को रक्षा सूत्र माना जाता है जो भाई की रक्षा करता है। इसलिए इसे पूरे 15 दिनों तक बांधे रखना शुभ होता है। इस अवधि को ‘पंद्रह दिन का त्योहार’ भी कहा जाता है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूती देता है।
उतारने का सही समय
कुछ मान्यताओं के अनुसार, राखी (Rakhi) को जन्माष्टमी तक बांधे रखना चाहिए। इस साल, रक्षाबंधन 9 अगस्त को है और जन्माष्टमी 15 अगस्त को है। इस दौरान राखी को कलाई पर रखना बेहद शुभ माना जाता है। जन्माष्टमी के बाद जब आप राखी उतारें तो उसे किसी पवित्र स्थान पर रखें, जैसे किसी पेड़ के नीचे या जल में प्रवाहित कर दें।
दशहरे तक पहनने की परंपरा
कुछ क्षेत्रों में यह भी परंपरा है कि राखी (Rakhi) को दशहरे तक पहना जाता है। दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भाई की कलाई पर बंधी राखी उसके लिए एक कवच की तरह काम करती है और उसे हर बुराई से बचाती है। दशहरे के बाद ही राखी को उतारना शुभ माना जाता है।
16 दिन का नियम
ज्योतिष और पंचांग के अनुसार, राखी (Rakhi) को 16 दिन तक कलाई पर बांधे रखना बहुत फलदायी होता है। इस अवधि को ‘पंद्रह दिन का त्योहार’ कहा जाता है, जिसमें पूर्णिमा से लेकर अगले 15 दिन शामिल होते हैं। 16वें दिन राखी उतार कर किसी नदी या जलाशय में विसर्जित कर देना चाहिए। यह माना जाता है कि ऐसा करने से भाई की लंबी आयु और सफलता सुनिश्चित होती है।
राखी (Rakhi) उतारने का सही तरीका
राखी (Rakhi) को कभी भी यूं ही फेंकना नहीं चाहिए। यह एक पवित्र धागा है और इसे सम्मान के साथ उतारना चाहिए। राखी को उतारने के बाद उसे किसी बहते जल में प्रवाहित करना सबसे उत्तम माना जाता है। यह धागा भाई की सभी परेशानियों और नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ ले जाता है।
अगर आस-पास कोई नदी न हो तो राखी को किसी पेड़ के नीचे या किसी पवित्र स्थान पर रख सकते हैं। वहीं यदि राखी (Rakhi) टूट जाए या गंदी हो जाए, तो उसे तुलसी के पौधे के पास रखकर उसकी प्रार्थना के साथ विदाई देना शुभ होता है।