हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का खास महत्व है। इस व्रत का वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है। इस दिन लोग देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा और व्रत का पालन करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से भोलेनाथ और मां पार्वती की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा जीवन में चल रही सभी परेशानियां और दूखों से भी मुक्ति मिलती है।
फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत रविवार, 9 फरवरी 2025 को शाम 7 बजकर 25 मिनट पर होगा। वहीं तिथि कै समापन अगले दिन सोमवार, 10 फरवरी को शाम 8 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए फरवरी में पहला प्रदोष व्रत रविवार, 9 फरवरी को किया जाएगा। इस दिन भोलेनाथ की पूजा के शुभ मुहूर्त की शुरुआत शाम 7 बजकर 25 मिनट से लेकर 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस दिन भक्तों को पूजा के लिए कुल 1 घंटे 17 मिनट का समय मिलेगा।
फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) तिथि और शुभ मुहूर्त
फरवरी का दूसरा प्रदोष प्रदोष व्रत यानी फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 25 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगी। फरवरी का दूसरा प्रदोष व्रत 25 फरवरी को किया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 18 मिनट से लेकर 8 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। वहीं भक्तों को पूजा करने से लिए कुल 2 घंटे 30 मिनट का समय भी मिलेगा।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन निराहार रहकर भगवान शिव की भक्ति-भाव से पूजा करनी चाहिए और इस दिन क्रोध, लोभ और मोह से बचना चाहिए। प्रदोष व्रत आध्यात्मिक उत्थान और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भी मनाया जाता है कहेत हैं भक्ति भाव से इस व्रत का पालन करने से जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर रहते हैं। इसके अलावा घर में सुख-शांति बनी रहती है।