हिंदू धर्म में दिशाओं का विशेष महत्व माना गया है। वास्तु शास्त्र, ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक दिशा का एक स्वामी होता है, जिसे दिशा देवता (God) कहा जाता है। इन देवी-देवताओं की पूजा और उनका सम्मान करने से जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यदि आप सही दिशा में सही देवता की आराधना करते हैं, तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं, किस दिशा में कौन से देवता (God) विराजमान हैं और वहां किस प्रकार की पूजा करनी चाहिए।
पूर्व दिशा: सूर्य देव (Surya God) और इंद्र देव
पूर्व दिशा को सबसे शुभ और पवित्र माना गया है। यह दिशा सूर्य देव का वास स्थान है, जो समस्त ऊर्जा और जीवन का स्रोत हैं। इस दिशा में मुख करके पूजा करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और सफलता मिलती है। इसके अलावा, इंद्र देव भी इस दिशा के स्वामी माने जाते हैं, जो सुख-समृद्धि और वर्षा के देवता हैं।
किसकी पूजा करें? सूर्य देव, इंद्र देव, ब्रह्मा जी।
किसके लिए शुभ? अच्छी सेहत, मान-सम्मान और करियर में उन्नति के लिए।
पश्चिम दिशा: वरुण देव और शनि देव
पश्चिम दिशा को वरुण देव की दिशा कहा जाता है, जो जल के देवता हैं। इस दिशा में पूजा करने से जीवन में स्थिरता और संतुलन आता है। साथ ही, शनि देव भी इस दिशा के प्रमुख देवता हैं, जो न्याय और कर्मफल दाता हैं।
किसकी पूजा करें? वरुण देव, शनि देव।
किसके लिए शुभ? न्याय, कर्म और जीवन में स्थिरता के लिए।
उत्तर दिशा: कुबेर और लक्ष्मी
उत्तर दिशा धन और समृद्धि की दिशा है। इस दिशा के स्वामी कुबेर हैं, जो देवताओं के खजांची माने जाते हैं। इसके साथ ही, देवी लक्ष्मी भी उत्तर दिशा में विराजमान होती हैं। इस दिशा में मुख करके पूजा या धन से संबंधित कार्य करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
किसकी पूजा करें? कुबेर, देवी लक्ष्मी, गणेश जी।
किसके लिए शुभ? धन-लाभ, व्यापार में तरक्की और समृद्धि के लिए।
दक्षिण दिशा: यमराज और मंगल देव
दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज हैं, जिन्हें मृत्यु और धर्म के देवता के रूप में जाना जाता है। इस दिशा में आमतौर पर पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में मंगल देव से संबंधित पूजा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके की जा सकती है।
किसके लिए शुभ? जीवन में बाधाओं को दूर करने के लिए।
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व): भगवान शिव
ईशान कोण को सबसे पवित्र माना गया है। यह उत्तर और पूर्व दिशा के बीच का कोना है। इस दिशा के स्वामी भगवान शिव हैं। यह कोना पूजा-घर या मंदिर स्थापित करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिशा में पूजा करने से ज्ञान, शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
किसकी पूजा करें? भगवान शिव
किसके लिए शुभ? आध्यात्मिक विकास, मानसिक शांति और ज्ञान के लिए।
आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व): अग्नि देव
आग्नेय कोण दक्षिण और पूर्व दिशा के बीच स्थित है। इस दिशा के स्वामी अग्नि देव हैं। इस दिशा में रसोईघर बनाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा और पाचन से संबंधित है।
किसकी पूजा करें? अग्नि देव।
किसके लिए शुभ? ऊर्जा, स्वास्थ्य और घर में सकारात्मकता के लिए।