लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन व संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (Unicef) ने संयुक्त चेतावनी जारी की है। कहा है कि कोरोना महामारी से प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके गर्भ के लिए ख़तरा पहले से बढ़ गया है। WHO ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि कोरोना महामारी बढ़ी तो हर 16 सेकेंड में एक मृत बच्चा पैदा होगा। हर साल 20 लाख से भी ज्यादा ‘स्टिलबर्थ’ के केस सामने आएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से ज्यादातर मामले विकासशील देशों से जुड़े होंगे।
According to 🆕 estimates, almost 2 million babies are stillborn every year – or 1 #stillbirth every 16 seconds.
#COVID19 related health service disruptions could worsen the situation, potentially adding 200,000 more stillbirths over a 12-month period:
👉https://t.co/vgD9SJSzCK pic.twitter.com/4fFAlbrIjj— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 8, 2020
WHO ने गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में यह खुलासा किया कि प्रत्येक वर्ष करीब 20 लाख शिशु मृत पैदा (स्टिलबर्थ) होते हैं। ये मामले ज्यादातर विकासशील देशों से जुड़े हैं। गर्भाधान के 28 हफ्ते या उसके बाद मृत शिशु के पैदा होने अथवा प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो जाने को ‘स्टिलबर्थ’ कहते हैं। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि पिछले वर्ष उप-सहारा अफ्रीका अथवा दक्षिण एशिया में चार जन्म में से तीन ‘स्टिलबर्थ’ थे।
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संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हैनरिटा फोर ने कहा कि प्रत्येक 16 सेकेंड में कहीं कोई मां ‘स्टिलबर्थ’ की पीड़ा झेलेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर निगरानी, प्रसव पूर्व अच्छी देखभाल और सुरक्षित प्रसव के लिए पेशेवर चिकित्सक की सहायता से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
महामारी से ख़राब होगी स्थिति
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि कोविड-19 महामारी से ये वैश्विक आंकड़े बढ़ सकते हैं। इसमें कहा गया है संक्रमण के कारण स्वास्थ्य सेवाएं 50 प्रतिशत तक घटी हैं। इसके परिणामस्वरूप अगले वर्ष 117 विकासशील देशों में 2,00,000 और ‘स्टिलबर्थ’ हो सकते हैं। डब्लूएचओ ने कहा, कि ‘स्टिलबर्थ’ के 40 प्रतिशत से अधिक मामले प्रसव के दौरान के हैं और अगर महिलाएं दक्ष स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से सुरक्षित प्रसव कराए तो ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
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उप-सहारा अफ्रीका और मध्य एशिया में ‘स्टिलबर्थ’ के करीब आधे मामले प्रसव के दौरान के हैं वहीं यूरोप, उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसके छह प्रतिशत मामले हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विकासित देशों में जातीय अल्पसंख्यकों में ‘स्टिलबर्थ’ के मामले ज्यादा होते हैं। उदाहरण के तौर पर कनाडा में इन्यूइट समुदाय की महिलाओं में पूरे देश के मुकाबले ‘स्टिलबर्थ’ के मामले तीन गुना ज्यादा होते हैं।