बाराबंकी। जिले में एक मठ की जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा हो जाने से वहां रह रहे साधु (Monk) में आक्रोश है। कार्रवाई नहीं होने से साधु मुकुंद पुरी अब समाधि लेने के लिए खुद की कब्र खोद रहा है। साधु मुकुंद पुरी का कहना है कि मठ की जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा हो जाने की शिकायत उसने स्थानीय तहसील प्रशासन से कई बार की है। अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मठ के जमीन की बिक्री हो जाने से साधु पुरी काफी परेशान है। उसने गृह मंत्रालय, मुख्यमंत्री पोर्टल सहित कई अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके चलते साधु ने स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देते हुए बताया है कि यदि 30 अगस्त तक कार्रवाई नहीं हुई तो वह 1 सितंबर को समाधि ले लेंगे।
इन लोगों ने कराई फर्जी तरीके से मठ के जमीन की रजिस्ट्री
यह पूरा मामला रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के किठाईया गांव का है। इस गांव में बने एक मठ के साधु (Monk) मुकुंद पुरी का आरोप है कि कुछ लोगों ने राम जानकी मठ की फर्जी वसीयत करवाकर जमीन को बेच दिया है। जबकि वह जमीन मठ की है। महात्मा मुकुंद पुरी ने कहा कि शुक्ला गांव के रहने वाले संतोष कुमार सिंह, बाबा भगत सिंह, उमाशंकर गोस्वामी, रमाशंकर गोस्वामी, महावीर बराती लाल के नाम पर जमीन का फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी गई। इस रजिस्ट्री में बाराबंकी प्रशासन भी मिला हुआ है। प्रशासन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए पैसे दिए गए हैं।
गृह मंत्रालय और सीएम से भी लगाई न्याय की गुहार
बता दें कि मठ के साधु को जब फर्जी तरीके से जमीन बिक्री हो जाने की सूचना हुई तो उन्होंने इस मामले में कार्रवाई को लेकर अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया गया। काफी दिनों से भाग दौड़ कर रहे साधु ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर गृह मंत्रालय, मुख्यमंत्री पोर्टल सहित फिर से जिला स्तरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई।
साधु (Monk) 1 सितंबर को लेगा समाधि
कहीं से कोई मदद न मिलने के चलते साधु अब समाधि लेने के लिए खुद की कब्र खोद रहा है। साधु का कहना है कि यदि इस मामले में 30 अगस्त तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह 1 सितंबर को समाधि ले लेगा। अभी तक इस पूरे मामले में अधिकारियों का कोई बयान सामने नहीं आया है।