रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की दयनीय आर्थिक स्थिति के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि प्रदेश के संसाधनों से पूरे देश का पेट भरने की कोशिश हो रही है।
श्री सोरेन ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हर राज्य की अपनी-अपनी स्थिति है। हाल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की बैठक में झारखंड ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “हमारी स्थिति खुद खराब है और हमारे संसाधानों पर उनका राज, ऐसा अब नहीं चलेगा। इसे हम काफी गंभीरता से ले रहे हैं। जो भी राज्य सरकार का अधिकार है, उसे वह लड़ कर हासिल करेंगे। सभी प्लेटफॉर्म पर भी इन बातों को रखा जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार तैयारी कर रही है।”
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों की स्थिति तो छोड़िए, देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। केंद्र सरकार इसे सुधारने में विफल है। आनेवाले दिनों में देश को और बुरी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। जीएसटी पर राज्य सरकारों को उलझाने की कोशिश शुरू की गई है लेकिन केन्द्र के इन चालों को वह समझ रहे हैं। इन सब विषयों पर समग्रता में वह अलग से अपनी बात रखेंगे।
श्री सोरेन ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सेस के रूप में झारखंड से जाता है। इसके बावजूद उत्पादक राज्य आर्थिक मार झेल रहा है। उन्होंने 50 हजार हेक्टेयर जमीन पर कोयला उत्खनन और 45000 करोड़ रुपये के बकाए के सवाल पर कहा कि विषय इतना ही भर नहीं है।
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अनाधिकृत खनन हो रहा है। इसको लेकर भी हजारों करोड़ रुपये केन्द्र पर बकाया है। सभी चीजों की जांच-पड़ताल चल रही है। झारखंड इन विषयों को केंद्र के समक्ष काफी मजबूती से रखेगा। राज्य सरकार झारखंड के लिए संसाधन जुटाने का हर संभव प्रयास कर रही है।