नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेेे शनिवार को कहा कि भारत पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हुए अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा है। उसने कार्बन उत्सर्जन में 30 सेे 35 प्रतिशत की कमी करने तथा प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी चार गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
श्री मोदी ने शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। उन्होंने 45 मेगावाट के उत्पादन संयंत्र मोनोक्रिस्टलाइन सोलर फोटोवोल्टिक पैनल और जल प्रौद्योगिकी उत्कृष्ठता केन्द्र की आधारशिला भी रखी। उन्होंने विश्वविद्यालय में ‘अभिनव और उद्भवन केन्द्र-प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेशन’, ‘ट्रांसलेशनल अनुसंधान केन्द्र’ और ‘खेल परिसर’ का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में स्नातक होना आसान बात नहीं है जब विश्व इतने बड़े संकट का सामना कर रहा है, लेकिन उनकी क्षमताएं इन चुनौतियों से बहुत बड़ी हैं। उन्होंने कहा कि छात्र इस उद्योग में ऐसे समय में प्रवेश कर रहे हैं जब महामारी के कारण दुनिया भर में ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक बदलाव हो रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि इस दृष्टि से, आज भारत के ऊर्जा क्षेत्र में वृद्धि, उद्यमिता और रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि देश अपने कार्बन उत्सर्जन को 30-35 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है और इस दशक में हमारी ऊर्जा जरूरतों में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए प्रयास किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में तेल शोधन क्षमता को दोगुना करने का कार्य जारी है, ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है और छात्रों एवं पेशेवरों के लिए एक कोष बनाया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि इच्छाओं के अंबार से संकल्प की शक्ति अपरंपार होती है। करने के लिए बहुत कुछ है, देश लिए पाने को बहुत कुछ है, पर आपके लक्ष्य टुकड़ों में बिखरे नहीं होने चाहिए। आप कमिटमेंट के साथ आगे बढ़ेंगे तो अपने भीतर ऊर्जा का भंडार महसूस करेंगे।
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उन्होंने कहा कि सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी और पर्पस ऑफ लाइफ दो ऐसी पटरियां हैं, जिनपर आपके संकल्पों की गाड़ी बहुत तेजी से दौड़ सकती है। मेरा आपसे आग्रह है कि अपने भीतर एक सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी को जरूर बनाए रखिए।
पीएम मोदी ने कहा कि आज की जो पीढ़ी है, 21वीं सदी का जो युवा है, उसको एक क्लीन स्लेट के साथ आगे बढ़ना होगा। कुछ लोगों के मन में ये जो पत्थर की लकीर बनी हुई है, कि कुछ बदलेगा नहीं, उस लकीर को क्लीन करना होगा। क्लीन हार्ट का मतलब है साफ नीयत। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 1920 में युवा क्या चाहते थे? उनकी महत्वाकांक्षाएं क्या थीं? सभी ने केवल स्वतंत्रता का सपना देखा और अपने सपनों को दांव पर लगा दिया। 1920-1947 के बीच के युवाओं ने अपने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व दे दिया था। मैं चाहता हूं कि आप सभी उनसे प्रेरणा लें।
आप देखिए जीवन में वही लोग सफल होते है, वही लोग कुछ कर दिखाते है जिनके जीवन में सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी का भाव होता है। विफल वो होते है जो सेंस ऑफ बर्डन में जीते है। सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी का भाव व्यक्ति के जीवन में सेंस ऑफ अपरच्यूनिटी को भी जन्म देता है।
Prime Minister Narendra Modi e-inaugurates 45 MW production plant of Monocrystalline Solar Photo Voltaic Panel at Pandit Deendayal Petroleum University pic.twitter.com/VEFGDaKbzP
— ANI (@ANI) November 21, 2020
ऐसा नहीं है कि आप अपने जीवन में पहली बार किसी कठिनाई का सामना कर रहे होंगे, ऐसा भी नहीं है कि ये चुनौती भी आखिरी होगी। ऐसा नहीं है कि सफल व्यक्तियों के पास समस्याएं नहीं होतीं। लेकिन जो चुनौतियों को स्वीकार करता है, उनका मुकाबला करता है, वह सफल होता है।
उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में ग्रेजुएट होना जब दुनिया इतने बड़े संकट से जूझ रही है,ये कोई आसान बात नहीं है। लेकिन आपकी क्षमताएं इन चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं। प्रोबल्म्स क्या हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि आपका पर्पस क्या है, आपकी प्रिफरेंस क्या है और आपका प्लान क्या है?
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मुझे विश्वास है कि आप अपनी स्किल, अपने टैलेंट, अपने प्रोफेशनलिज्म से आत्मनिर्भर भारत की बड़ी ताकत बनके उभरेंगे। मैं शुरुआत काल से इस विश्वविद्याल की परियोजनाओं से जुड़ा रहा हूं। एक समय था जब लोग सवाल उठाते थे कि इस तरह की यूनिवर्सिटी कितना आगे बढ़ पाएगी। लेकिन यहां के विद्यार्थियों ने, प्रोफेसर्स ने और यहां से निकले प्रोफेशनल्स ने इन सारे सवालों के जवाब दे दिए हैं।
आज आप ऐसे समय में इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं, जब महामारी के चलते पूरी दुनिया के एनर्जी सेक्टर में भी बड़े बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में आज भारत में एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ की, उद्यमिता की, रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।
मुझे ये देखकर खुशी होती है कि ये विश्वविद्यालय आज पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। मैं आज यहां एक मुख्य अतिथि के रूप में नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय परिवार के एक सदस्य के रूप में आया हूं। उन्होंने कहा कि आज जो साथी ग्रेजुएट हो रहे हैं, उनको और उनके माता-पिता को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।