हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार हर साल उल्लास के साथ मनाया जाता है। देवों के देव महादेव को सर्वशक्तिमान माना गया है। महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव को ही समर्पित होता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन यदि विधि-विधान से साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है तो भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। यदि किसी जातक के विवाह में बार-बार बाधा आ रही है तो महाशिवरात्रि पर पूजा करने से उनकी मनोकामना जल्द पूरी होती है।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) व्रत का पौराणिक महत्व
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। यह व्रत मनुष्य का कल्याण करने वाला कल्याणकारी व्रत है। जो भी भक्त पूर्ण श्रद्धा के साथ महाशिवरात्रि पर भगवान की पूजा करता है, वह सभी प्रकार के दुखों से दूर रहता है।
वैवाहिक जीवन में रहती है शांति
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर भगवान की पूजा करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। यदि किसी जातक की शादी में देरी हो रही है तो उसे महाशिवरात्रि पर पूजन व जलाभिषेक जरूर करना चाहिए।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) व्रत करने से पारिवारिक जीवन में शांति बनी रहती है। इस दिन अविवाहित कन्याएं यदि व्रत रखती है तो विवाह में आ रहीं बाधाएं दूर हो जाती हैं और शीघ्र ही विवाह के संयोग बनते हैं।