बेंगलुरु: कोरोना संक्रमण का दोबारा मामला पहली बार उजागर होने के बाद सरकार ने अध्ययन का आदेश दिया है। कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर ने सोमवार को अधिकारियों से क्लीनिकल अध्ययन कर रिपोर्ट देने को कहा है।
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बेंगलुरु की 27 साल की महिला कोविड-19 से ठीक होने के बाद एक बार फिर संक्रमण की जद में आनेवाली पहली रोगी है। जुलाई में स्वस्थ होने और अस्पताल से छुट्टी मिलने के करीब एक महीने बाद महिला दोबारा कोरोना वायरस की चपेट में आ गई। दोबारा संक्रमण पर चिंता जताते हुए सुधाकर ने कहा कि मामले को सावधानी से देखा जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा लोगों के बीच आशंकाओं को दूर करने के प्रयास होने चाहिए।
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सुधाकर के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्री डॉ के सुधाकर ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण दोबारा होने पर क्लीनिकल अध्ययन किया जाए।’’ फोर्टिस अस्पताल में दूसरी बार कोरोना वायरस संक्रमित पाई गई महिला का जिक्र करते हुए कहा गया कि अन्य देशों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। प्रत्येक देश ने इसके पीछे अलग वजह बताई है।
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अस्पताल ने कहा कि महिला शहर में कोविड-19 के दोबारा संक्रमण से ग्रस्त पहली पीड़ित है। अस्पताल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतीक पाटिल के मुताबिक जुलाई के पहले सप्ताह में रोगी को बुखार, खांसी और गले में खराश के लक्षण थे। उसकी जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद महिला स्वस्थ हो गई। उसे दूसरी जांच रिपोर्ट में कोरोना निगेटिव की पुष्टि के बाद 24 जुलाई को छुट्टी दे दी गई। लेकिन करीब एक महीने बाद अगस्त के शुरू में उसे दोबारा हल्के लक्षण महसूस हुए। जांच कराने पर रिपोर्ट में फिर से संक्रमण की पुष्टि हुई।
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विशेषज्ञों के मुताबिक जब कोविड-19 का मरीज उबरता है तो श्वेत रक्त कणिकाओं के उत्पादन में कम से कम 15 दिन लगते हैं। हो सकता है कुछ रोगियों में इस वजह से दोबारा संक्रमण उभरा हो। हालांकि इसे दोबारा संक्रमण का निश्चित कारण नहीं माना जा सकता।