नई दिल्ली। सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय व सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ मे सीएसआईआर-एरोमा मिशन के अंतर्गत मंदिरों में चढ़े फूलों से निर्मित अगरबत्ती व कोन बनाने पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे साई दीप फ़ाउंडेशन, गोमतीनगर, लखनऊ और जन शिक्षण संस्थान, लखनऊ से जुड़ी 21 महिलाओं ने भाग लिया है। महिलाओं को अगरबत्ती व कोन बनाने की तकनीकी का प्रदर्शन किया गया तथा महिलाओं ने स्वयं अगरबत्ती व कोन बनाने का अनुभव प्राप्त किया।
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इस तकनीकी को अपना कर महिलाएं कम लागत मे अपना उद्योग प्रारम्भ कर सकती हैं । इस अवसर पर डॉ. आर. के. श्रीवास्तव, प्रमुख व्यापार विकास विभाग ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं खाली समय मे फूलों से अगरबत्ती व कोन बनाकर अपने समय का सदुपयोग तो करती ही हैं साथ ही उनको आर्थिक लाभ भी होता है। यह वैज्ञानिक पहल महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के साथ भारतवर्ष को भी अगरबत्ती उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करेगा ।
अभी भारत में अगरबत्ती व उसके कच्चे माल का आयात विगत अगस्त, 2019 से बंद चल रहा है । इससे देश में बनी अगरबत्ती को घरेलू बाज़ार के साथ-साथ निर्यात भी किया जा सकता है जिससे भारत को विदेशी मुद्रा का भी अर्जन होगा तथा महिलाओं को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। सीएसआईआर-सीमैप के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को अगरबत्ती व कोन बनाने में वैज्ञानिक सहायता व प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस तरह के प्रशिक्षण प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों मे किये जा चुका है, जिसमें लगभग 1000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है । इस अवसर पर डॉ. राम सुरेश शर्मा, मनोज कुमार, विपिन कुमार आदि उपस्थित रहे।