पन्ना। एक कहावत है ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में नौ मजदूरों के साथ हुआ। लॉकडाउन के कारण रोजगार न होने के चलते ये मजदूर अपने को असहाय महसूस कर रहे थे। वहीं, अब अचानक इन नौ मजदूरों की किस्मत चमकी है। उथली हीरा खदान से उन्हें उज्जवल जैम क्वालिटी का 10 कैरेट 69 सेंट का हीरा मिला है।
देश में संक्रमण के आधे मामले सिर्फ 22 दिनों में सामने आए, कुल मामलों की संख्या 12 लाख के करीब
दरअसल, लॉकडाउन में मजूदर बेहाल थे। अनलॉक होते ही किस्मत अजमाने के लिए उन्होंने उथली हीरा खदानों का सहारा लिया। पन्ना जिले के ग्राम रानीपुर की एक निजी जमीन पर आनंदी कुशवाहा ने हीरा कार्यालय से हीरा खनन के लिए पट्टा लिया था। इसमें आनंदी सहित नौ लोगों ने पार्टनर होकर खोदाई की। एक सप्ताह पूर्व इन्हें 70 सेंट की रेज (छोटा हीरा) मिली। जिससे उन्होंने खोदाई का काम तेज कर दिया। मंगलवार को इन्हें उज्जवल जैम क्वालिटी का 10 कैरेट 69 सेंट का हीरा मिला। इसकी अनुमानित कीमत पचास लाख रुपये से अधिक है। उन्होंने इसे हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल पन्ना कार्यालय में ठेके पर मीटर रीडर का काम करने वाले पट्टाधारी आनंदी कुशवाहा ने बताया कि जून 2020 में खदान का पट्टा लिया था। इसमें नौ पार्टनर खदान की खोदाई कर रहे थे। इसमें सभी का बराबर हक है। जब भी यह हीरा नीलाम होगा और उससे जितनी भी राशि मिलेगी, हम सभी पार्टनर बराबर बांट लेंगे।
देश में संक्रमण के आधे मामले सिर्फ 22 दिनों में सामने आए, कुल मामलों की संख्या 12 लाख के करीब
आनंदी ने बताया कि हम लोग चार-पांच वर्षो से खदान लेते रहे हैं, लेकिन कभी हीरा नहीं मिला। इस बार लॉकडाउन के चलते काम नहीं था तो सोचा कि फिर किस्मत आजमाई जाए। हीरा कार्यालय से रानीपुर के निजी क्षेत्र में 625 वर्ग फीट का पट्टा दो सौ रुपये में लिया। जैसे ही लॉकडाउन हटा, हमने खोदाई शुरू की । मालूम हो, निजी जमीन पर हीरा खनन के खोदाई का पट्टा लिया जाता है। इसे उथली खदान कहा जाता है।
पन्ना जिला के हीरा व खनिज अधिकारी आरके पांडेय ने बताया कि आनंदी लाल कुशवाहा को 10.69 कैरेट का हीरा मिला है। हीरा उज्जवल किस्म का है। उसे कार्यालय में जमा कर लिया गया है। इसे नीलामी में रखा जाएगा। जो राशि मिलेगी उसकी रॉयल्टी और टैक्स काटकर बाकी राशि मजदूर को दे दी जाएगी।