लखनऊ। राजभवन में मंगलवार को ‘कबाड़ से जुगाड़’ (Kabbad se Jugad) पर दो दिवसीय कार्यशाल का आयोजन किया गया। इस आयोजन में राजभवन स्थित महिलाओं के साथ ही पांच विश्वविद्यालयों की महिलाओं ने हिस्सा लिया। इसमें प्रमुख रूप से कबाड़ का सदुपयोग कैसे किया जाय, इस संबंध में बताया गया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से राजभवन में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के सहयोग से दो दिवसीय ‘‘कबाड़ से जुगाड़‘‘ कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें एकेटीयू, भातखण्डे विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, मुइनुद्दीन चिस्ती भाषा विश्वविद्यालय, आईटी काॅलेज तथा राजभवन में आवासित महिलाओं एवं बच्चों ने बेस्ट मैटेरियल का सदुपयोग कैसे करें, के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं व बच्चों ने पुराने रद्दी कागज से बनी टोकरी तथा अन्य कलात्मक बर्तन बनाना, कपड़ों पर पैंटिंग का कार्य जैसे प्रशिक्षण प्राप्त किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. संगीता शुक्ला ने ‘‘कबाड़ से जुगाड़‘‘ (Kabbad se Jugad) के विभिन्न उपयोगों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
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इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ 15 देशों के राजदूतों तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने कार्यशाला में तैयार किए गए उत्पादों का अवलोकन कर उनकी प्रशंसा की। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में 100 से अधिक प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया।