हर साल 12 जुलाई को महिलाओं और बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों के लिए आवाजा उठाने वाली पाकिस्तानी लड़की मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai) को सम्मान देने के लिए ‘वर्ल्ड मलाला डे’ (World Malala Day) मनाया जाता है। छोटी सी उम्र में उन्होंने अपने जज्बे और हौसले से वो काम कर दिखाए हैं, जो हर कोई नहीं कर पाता। इसलिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से उनके जन्मदिन को वर्ल्ड मलाला डे के तौर पर घोषित किया गया है।
कौन हैं मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai)?
मलाला युसुफजई (Malala Yousafzai) पाकिस्तानी शिक्षाविद्, बाल अधिकार एवं महिला अधिकार संरक्षक हैं। उन्होंने बालिका शिक्षा और बाल मजदूरी के खिलाफ लड़ाई में अपनी पहचान बनाई है। मलाला का जन्म 12 जुलाई 1997 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के स्वात जिले में हुआ था। उनके पिता और वे लड़कियों को पढ़ने को लेकर लोगों की जागरूक करने का काम करते हैं। इसके अलावा मलाला बाल मजदूरी और बालिका शिक्षा के मुद्दे पर लेख लिख लिखती हैं।
जब तालिबानी आतंकवादी ने सिर में मारी गोली
जहां मलाला (Malala Yousafzai) रहती थीं, वहां तालिबानियों ने लड़कियों की पढ़ाई पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन मलाला (Malala Yousafzai) पढ़ना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने न सिर्फ तालिबानियों का विरोध किया बल्कि खुद के साथ-साथ बाकी लड़कियों को पढ़ाने पर जोर देकर लोगों को जागरूक करने लगीं। उस वक्त उनकी उम्र महज 11 साल थी। वे अक्सर ब्लॉग लिखककर लड़कियों पर तालिबानियों के अत्याचारों पर खुलकर लिखती थीं।
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09 अक्टूबर 2012 को, एक नकाबपोश बंदूकधारी बस में चढ़ा और मलाला के सिर और गर्दन में गोली मार दी थी। वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी लेकिन पाकिस्तान और बाद में यूनाइटेड किंगडम में इलाज के बाद उनकी जान बच गई। हालांकि, पूरी तरह ठीक होने में उन्हें कई साल लग गए।