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विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस: हड्डियों की मजबूती के लिए रोज करे ये पांच योगाभ्यास

स्वास्थ्य डेस्क:  आज World Osteoporosis Day यानी विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस है जो हर साल २० अक्टूबर के दिन मनाया जाता है. विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम, निदान और उपचार के बारे में वैश्विक जागरूकता फ़ैलाने का काम करता है. ऑस्टियोपोरोसिस के रोग में हड्डियां नाज़ुक एवं कमज़ोर हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप रीढ़ की हड्डी विशेषकर कूल्हे एवं कलाई के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस रोग का खतरा अधिक पाया जाता हैं.ऑस्टियोपोरोसिस से लड़ने के लिए ये 5 योगासन काफी कारगर साबित होंगे.

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1. सेतुबंधासन

सेतुबंधासन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं. अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को जमीन पर एक दूसरे से कुछ दूरी पर रखें. घुटनों और टखनों के साथ यह एक सीधी रेखा में होने चाहिए. अपनी बाजुओं को अपने शरीर के अगल-बगल रखें और आपकी हथेलियां नीचे की तरफ होनी चाहिए. अब सांस को अंदर की और खींचे और अपनी कमर के निचले, बीच वाले और ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं. अपने कंधों को इस दौरान आराम से मोड़ें. ठोड़ी को नीचे लाए बिना छाती को ठोड़ी से स्पर्श करें. अपने कूल्हों और शरीर को इस पोज में लाने की कोशिश करें. आराम से सांस लेते रहें.

2. उत्तानासन

सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथ हिप्स पर रखें. कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें. हिप्स और टेलबोन को हल्का सा पीछे की ओर ले जाएं. धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं और दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा। हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें. आपका सीना पैर के ऊपर छूता रहेगा. इस स्थिति में 15-30 सेकेंड तक बने रहें. उत्तानासन हड्डियों में खिंचाव पैदा करके उन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है. ये आसन रीढ़ की निचली हड्डियों, पैरों और हिप्स की हड्डी को मजबूत बनाने में भी फायदेमंद हो सकता है.

3. वीरभद्रासन

सीधे खड़े हो जाएं. इस आसन को करने के लिए आप ताड़ासन की मुद्रा में भी खड़े हो सकते हैं. अब अपने दोनों पैरों को सीधे रखे हुए अपने ऊपर के शरीर को नीचे की ओर झुकाये और अपने दोनों हाथों को फर्श पर रखने का प्रयास करें. दोनों हाथों को फर्श पर रखें हुए अपने बाएं पैर को उठायें और पीछे की ओर सीधा करने का प्रयास करें. इसके बाद अपने अपने दोनों हाथों को भी धीरे-धीरे ऊपर करते जाएं. अपने धड़ यानि ऊपर के शरीर को ऊपर करें और उसे फर्श के समान्तर ले आएं. अब अपने दोनों हाथों को सीधा करें और उनको भी जमीन के समान्तर ले आएं. अपने दायं पैर पर संतुलन बनाए और इस मुद्रा में रहने का प्रयास करें. सांस लें और दोहराएं. वीरभद्रासन बहुत कमाल का आसन है क्योंकि ये एक साथ आपकी बांहों, रीढ़ और पैरों पर काम करता है. ये मांसपेशियों के साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाता है.

4. उत्थित पार्श्वकोणासन

पैर को 4 से 5 इंच तक खोल लें. हाथों को कंधों के सीध में ऊपर की ओर खोलें. अब धीरे-धीरे बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं हाथ को नीचे बिल्कुल पंजों के पास लाकर जमीन पर टिकाएं. इस स्थिति में आपका दांया हाथ बिल्कुल ऊपर की ओर रहेगा और नजरें दाएं हाथ पर. दो से तीन सांस तक यहां होल्ड करें फिर वापस उसी स्थिति में आ जाएं. अब यही अभ्यास दाएं ओर से दोहराएं. यह योग पैरों, घुटनों और टखनों में खिचाव लाकर उन्हें मजबूत बनाता है.

5. चक्रासन

सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को घुटने से मोड़ें जिससे एड़ी हिप्स को छुए और पंजे जमीन पर हों। अब गहरी सांस लेते हुए कंधे, कमर और पैर को ऊपर की ओर उठाएं। इस प्रक्रिया के दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। फिर हिप्स से लेकर कंधे तक के भाग को जितना हो सके ऊपर उठाने का प्रयास करें। कुछ क्षण बाद नीचे आ जाएं और सांसे सामान्य कर लें. यह योग हड्डियों को मजबूत कर पेट की चर्बी और मोटापा कम करने में मदद कर सकता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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