नीली आंखों वाला रसल वाइपर बेहद खूबसूरत दिखाई दे रहा है। किसी भी रसल वाइपर की एक तय अवस्था में नीली आंखें दिखाई देती हैं, लेकिन पहली बार ये नज़ारा कैमरे में कैद हुआ। सर्प विशेषज्ञ आदिल ने बताया जब सांप अपनी केचुली छोड़ रहे होते हैं, उस अवस्था को शेडिंग पीरियड कहा जाता है। इस अवस्था में उनकी आंखों की पुरानी त्वचा और नई त्वचा के बीच में तरल पदार्थ जमने लगते हैं और जैसे-जैसे केचुली छोड़ने का समय नजदीक आता है। सांप की आंखें तरल पदार्थ की वजह से नीले रंग की हो जाती हैं।
आदिल ने बताया कि आमतौर पर यह घटना जंगल में ही होती है, जिस वजह से जंगली सांपों को लगभग न के बराबर ही ऐसी अवस्था में देखा जाता है। ऐसे समय में सांप को धुंधला दिखाई देता है। जिस वजह से वह बहुत एग्रेसिव भी हो जाते हैं। एक बार केचुली निकल जाने पर उनकी आंखें सामान्य हो जाती हैं।
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आदिल ने बताया कि आमतौर पर यह घटना जंगल में ही होती है, जिस वजह से जंगली सांपों को लगभग न के बराबर ही ऐसी अवस्था में देखा जाता है। ऐसे समय में सांप को धुंधला दिखाई देता है। जिस वजह से वह बहुत एग्रेसिव भी हो जाते हैं. एक बार केचुली निकल जाने पर उनकी आंखें सामान्य हो जाती हैं।
इस रसल वाइपर को उसके प्राकृतिक आवास यानि जंगल में छोड़ दिया गया है। नीली आंखों वाला वाइपर पहली बार लोगों ने देखा और ये भी समझा कि अगर वाइपर की आंखें नीली दिखाई दें तो उसके नज़दीक जाना जानलेवा साबित हो सकता है। प्रकृति के इस दुर्लभ नज़ारों को समझना बेहद ज़रूरी है।
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इस रसल वाइपर को उसके प्राकृतिक आवास यानि जंगल में छोड़ दिया गया है। नीली आंखों वाला वाइपर पहली बार लोगों ने देखा और ये भी समझा कि अगर वाइपर की आंखें नीली दिखाई दें तो उसके नज़दीक जाना जानलेवा साबित हो सकता है। प्रकृति के इस दुर्लभ नज़ारों को समझना बेहद ज़रूरी है।