नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी। अभी दूसरे देशों की कई वैक्सीन के नाम हम बाजार में सुन रहे हैं, लेकिन दुनिया की नजर कम कीमत वाली, सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है। इसलिए पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है। उन्होंने कहा कि कंपनियों की हरी झंडी मिलने के बाद टीकाकरण का काम शुरू हो जाएगा।
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पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर जो विश्वास इस चर्चा में नजर आया है। वह कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेगा। इस बारे में बीते दिनों में मेरी मुख्यमंत्रियों से चर्चा हुई थी। टीकाकरण को लेकर राज्य सरकारों के अनेक सुझाव भी मिले थे।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत उन देशों में भी शामिल है, जहां पर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर इतनी कम है। भारत ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ा है, वो प्रत्येक देशवासी की अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है।
फरवरी-मार्च की आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है। अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर जो विश्वास इस चर्चा में नजर आया है वो कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेगा। इस बारे में बीते दिनों में मेरी मुख्यमंत्रियों से चर्चा हुई थी। टीकाकरण को लेकर राज्य सरकारों के अनेक सुझाव भी मिले थे।
पीएम मोदी ने कहा कि अभी आठ ऐसी वैक्सीन हैं, जो ट्रायल के चरण में बनी हुई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर मिलेगी, वैज्ञानिकों की ओर से मंजूरी मिलते ही इसपर काम शुरू हो जाएगा। भारत एक विशेष सॉफ्टवेयर पर काम कर रहा है जो हर किसी को वैक्सीन पहुंचाने पर ट्रैकिंग करेगा।
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पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार बड़े स्तर पर वैक्सीन वितरण को लेकर काम कर रही है, जो राज्य सरकार की मदद से जमीन पर उतारा जाएगा। सरकार ने एक नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप बनाया है, जिसकी सिफारिश के अनुसार से ही काम होगा। वैक्सीन की कीमत क्या होगी, इसपर केंद्र और राज्य मिलकर फैसला लेंगे। कीमत पर फैसला लोगों को देखते हुए किया जाएगा और राज्य की इसमें सहभागिता होगी।