हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि को अमावस्या कहा जाता है। इस बार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या 12 दिसंबर, मंगलवार को पड़ रही है। इस अमावस्या को भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya) भी कहा जाता है। आइए, जानते हैं कि इसे भौमवती अमावस्या क्यों कहा जाता है और इसका क्या महत्व है। साथ ही इस दिन कौन-से उपाय करने से लाभ मिलता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्तमार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। यह 13 दिसंबर को सुबह 05:01 बजे समाप्त होगी। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी।
क्यों कहा जाता है भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya)?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार का दिन भगवान हनुमान और मंगल देव को समर्पित होता है। मंगल देव और हनुमान जी दोनों को भौम के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए मंगलवार को पड़ने वाली मार्गशीर्ष अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है।
करें हनुमान जी की पूजा
मान्यता है कि भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya) के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्त को जीवन में आ रही आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा आपको कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है। कुंडली में मंगल को मजबूत करने के लिए भी यह अमावस्या उत्तम मानी जाती है। भौमवती अमावस्या पर गुड़, घी और लाल मसूर आदि चीजों का दान करें। इससे मंगल दोष का प्रभाव भी कम हो जाता है।