शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का बहुत महत्व है। हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश के निमित्त व्रत और पूजन करने की परंपरा है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन लंबोदर संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi ) मनाई जाती है। इस बार लंबोदर संकष्टी चतुर्थी 29 जनवरी 2024 को पड़ रही है। लंबोदर संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि, विद्या आदि की प्राप्ति होती है। आइए, जानते हैं कि लंबोदर संकष्टी चतुर्थी का क्या महत्व है।
लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi ) पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान गणेश का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें। इसके बाद स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। मंदिर की सफाई करें। एक चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद उन्हें पंचामृत, रोली, अक्षत, जनेऊ, सिन्दूर, कूश, दूर्वा, सुपारी आदि चढ़ाएं। इसके बाद दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें और आरती करें। पूजा के दौरान गणेश चालीसा का पाठ करें। भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाएं।
चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट
जल और गंगाजल, पंचामृत, रोली, अक्षत, जनेऊ, सिंदूर, दूर्वा, सुपारी, दीपक, घी, फल, फूल, लड्डू, भगवान गणेश की प्रतिमा।
लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi ) मंत्र
1. वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ।।
2. गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ।।
3. एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम् ।
विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम् ।।
4. सर्वाज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् ।
सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ।।