मां कालरात्रि (Maa Kalratri), देवी दुर्गा के नौ रूपों में से सातवां रूप मानी जाती हैं। मां कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली और भैरवी के नाम से भी जाना जाता है। जो लोग तंत्र विद्या में सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, वे मां दुर्गा के इस विकराल रूप की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि अगर मां कालरात्रि की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाए तो वह अपने भक्तों की नकारात्मक शक्तियों और गुप्त शत्रुओं से रक्षा करती हैं।
देवी कालरात्रि (Maa Kalratri) को गहरे नीले या काले रंग की, चार हाथों वालीं, घने बाल वालीं और गधे पर सवार बताया गया है, जो अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं। साथ ही जीवन की सभी कठिनाइयां दूर कर देती हैं।
मां काली मंत्र
क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नम:
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
‘ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।’
मां कालरात्रि (Maa Kalratri) मंत्र के लाभ
मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा कई तरीके से की जाती है। कई साधक उनके मंत्रों का जाप करके उनकी पूजा करते हैं। उनका मंत्र जीवन से सारे अंधकार को पल भर में दूर करने की शक्ति रखता है। साथ ही यह नकारात्मकता को भी दूर करता है और आभा को शुद्ध करने का कार्य करता है।
इतना ही नहीं, यह आपके गुप्त दुश्मनों और बुरी आत्माओं को हराने में भी मदद करता है। यह मंत्र साधक को शक्ति प्रदान करता है। जो लोग पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करते हैं, वे उन्हें हर तरह की सुरक्षा प्रदान करती हैं।