चक्रवाती तूफान यास की वजह से मची तबाही का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल जाएंगे। पीएम सबसे पहले भुवनेश्वर जाएंगे और वहां पर एक समीक्षा बैठक करेंगे। इसके बाद वो बालासोर, भद्रक और पूर्व मिदनापुर जैसे प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद पश्चिम बंगाल जाएंगे और समीक्षा बैठक करेंगे।
बता दें बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण खतरनाक हुए चक्रवाती तूफान ‘यास’ पश्चिम बंगाल और ओडिशामें तबाही मचाने के बाद अब आगे बढ़ गया है। चक्रवाती तूफान ‘यास’ के चलते 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बारिश के कारण बंगाल में काफी घर टूट गए है और दोनों ही राज्यों में 4 लोगों की मौत हो गई है।
पहले पीएम भुवनेश्वर का दौरा करेंगे और वहां पर स्थिति का जायजा लेंगे। वहां पर वे रिव्यू मीटिंग में भी हिस्सा लेने वाले हैं और उन्हें अधिकारियों द्वारा हर जरूरी सूचना दी जाएगी। इसके बाद प्रभावित इलाकों का उनके द्वारा हवाई सर्वेक्षण भी किया जाएगा। कहा जा रहा है कि वे बालासोर, भद्रक और पूरबा मेदिनीपुर जैसे इलाकों को हवाई सर्वेक्षण के जरिए कवर करने जा रहे हैं। इस हवाई सर्वेक्षण के बाद उनकी पश्चिम बंगाल में भी एक जरूरी मीटिंग होगी और वहां भी तूफान Yaas पर विस्तार से चर्चा होती दिख जाएगी।
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बता दें कि तूफान Yaas का सबसे ज्यादा असर ओडिशा में देखने को मिला है। यहां पर कई जगहों पर पेड़ भी गिर गए हैं और कई इलाकों में भारी जलभराव भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तरफ से पहले ही प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया जा चुका है। उन्होंने चक्रवात प्रभावित जिलों के करीब 128 बाढ़ प्रभावित गांवों के परिवारों के लिए 7 दिन की राहत की भी घोषणा की है। अब प्रधानमंत्री मोदी भी अपने स्तर पर जायजा लेकर कुछ आर्थिक सहायता प्रदान करवा सकते हैं।
बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाने के बाद यास तूफान ने बुधवार रात एक बजे पश्चिमी सिंहभूम से झारखंड में प्रवेश किया। इस दौरान हवा की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा रही। तूफान का असर अभी भी राज्य में देखा जा रहा है कि झारखंड के 21 जिलों में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। जमशेदपुर और धनबाद में तेज हवाएं चलने से कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिसके कारण 200 से अधिक गांवों में अभी भी अंधेरा छाया हुआ है।