भारत सरकार के है। अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) पर तमाम मामलों में जांचें लंबित हैं। वहीं राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10वीं बटालियन, बाराबंकी) पर आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप रहा है। इनके अलावा राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे । तीनों आईपीएस पर गम्भीर अनियमित्ता के आरोप थे।
इस संबंध में 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के ग़ृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुआ कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त नहीं हैं। इस आदेश के क्रम में अब प्रदेश के गृह विभाग की तरफ से उन्हें वीआरएस देने या कहें ‘जबरन रिटायर’ करने का आदेश जारी हो गया है।
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बता दें उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा जारी आदेश के अनुसार गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के 17 मार्च 2021 के आदेश द्वारा अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, आरआर-1992 को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए, अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम-16 के उपनियम 3 के अंतर्गत लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है।
आदेश में अपर मुख्य सचिव ने आगे लिखा है कि इसलिए अब गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल नियमानुसार अमिताभ ठाकुर को लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त करने और उनको तीन महीने के उनके वेतन और भत्तों के बराबर की धनराशि, जो उनकी सेवानिवृत्ति के ठीक पहले उनके द्वारा अहरित की जा रही धनराशि के समान दर पर आगणित कर दिए जाने के निर्देश देते हैं।
इन तीन अफसरों पर गिरी है गाज
1 – अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) तमाम मामलों में जांचें चल रहीं थी।
2- राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10 बटालियन बाराबंकी) आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप।
3- राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे।