Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

योगी सरकार ने दिया इन अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश, विभागों में मचा हड़कंप

CM Yogi

CM Yogi

लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government)  भ्रष्टाचार को लेकर फुल ऑन एक्शन मोड में है। इस बीच सीएम अपने अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी सख्ती बरतने में परहेज नहीं कर रहे। सरकारी अधिकारियों की संपत्ति को लेकर अब योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब तक सरकार को जिन सरकारी कर्मचारियों ने अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया है, उनका वेतन रोक दिया गया है।

योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ा फैसला लेते हुए इस बार उन सरकारी अधिकारियों की सैलरी रोक दी है जिन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा अबतक सरकार के पास जमा नहीं किया है। इस चीज को लेकर सरकार ने सभी विभागों के अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि उनको ही अगस्त महीने की सैलरी दी जाए जिन्होंने अपनी हर प्रोपर्टी की डीटेल पोर्टल पर अपलोड की है। जिन्होंने ऐसा नहीं किया है उनको अगस्त महीने की सैलरी नहीं मिलेगी।

विभागों में मचा हड़कंप

शासन के इस आदेश के बाद सभी विभागों में हड़कंप मच गया है। यूपी में सरकारी विभागों में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों को इस बात के सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कंडक्ट रूल्स 1956 के नियम-2 4 के हिसाब से मानव संपदा पोर्टल पर 31 दिसंबर 2023 तक, उनकी चल और अचल संपत्ति की सारी डिटेल्स दे दी जाएं। इसमें यह भी कहा गया है की कर्मचारी जबतक संपत्ति का पूरा विवरण नहीं देते तबतक उनके प्रमोशन पर भी विचार नहीं किया जाएगा।

सरकार ने जारी किया था आदेश

योगी सरकार (Yogi Government) ने अपने पिछले आदेश में संपत्तियों की डीटेल जमा करने के लिए एक टाइम पीरियड भी दिया था। अब सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 6 जून 2024 को जारी शासनादेश में पोर्टल पर जानकारी देने के लिए 30 जून 2024 की तारीख दी गई थी। इस आदेश में ये भी कहा गया था कि ब्योरा नहीं दिए जाने पर अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी।

गरीबों को उजाड़ने का दुस्साहस करने वाले बख्शे न जाएं, सीएम योगी ने अफसरों को दी सख्त हिदायत

राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने 11 जुलाई को चल-अचल संपत्ति ब्योरा देने के लिए निर्धारित समयावधी 31 जुलाई 2024 तक बढ़ा दी थी, इसके बावजूद भी पोर्टल पर कुछ कर्मचारियों ने जानकारी साझा नहीं की थी जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।

Exit mobile version