निषाद समाज को आरक्षण देने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि निषाद समाज को अनुसूचित जाति के तहत आरक्षण देने की लंबित मांग पर हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निषाद समाज की सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। गत 17 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित निषाद पार्टी और भाजपा की संयुक्त रैली में शाह ने कहा था कि सरकार निषाद समाज की सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
योगी सरकार ने आरक्षण के मामले में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद के ज्ञापन पर त्वरित कार्रवाई करते हुये यह पहल की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर डा. निषाद के ज्ञापन में उल्लिखित बिंदुओं जिनमें विभिन्न जातियों के उपनामों वाले समुदायों को आरक्षण देने की मांग पर तत्काल मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया है।
राज्य सरकार के विशेष सचिव रजनीश चंद्र द्वारा रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को भेजे गये पत्र में डा. निषाद का ज्ञापन भी संलग्न किया गया है। ज्ञापन के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 53 पर ‘मझवार’ जाति का उल्लेख है।
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डा. निषाद का कहना है कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में ‘मझवार’ जाति के लोग माझी, मझवार, केवट, मल्लाह, निषाद आदि उपनामों का प्रयोग करते हैं। इसके चलते उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जाता है। जबकि अन्य अनुसूचित जातियों के लोगों को उपनाम लिखने पर बिना किसी आपत्ति के प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता है।
डा. निषाद ने मझवार जाति के सभी उपनाम वाले लोगों को भी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने की मांग की है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने सोमवार काे रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त से इस मामले में तत्काल मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। सरकार की इस पहल को निषाद समाज के हित में बड़ा कदम माना जा रहा है।