कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर बच्चों को बचाने के लिये उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कमर कस ली है।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के मासूमों के लिए कॉल बनी इंसेफेलाइटिस को काबू में करने के लिये पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) की बुनियादी संरचना को मजबूत किया था। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के ये अनुभव कोराना से बच्चों को बचाने में मददगार बनेंगे। खासकर ग्रासरूट पर इंसीफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए जो पीकू (पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट) तैयार किए गए थे जरूरत पर उसका उपयोग कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को महफूज रखने में किया जाएगा।
उन्होने बताया कि श्री योगी ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए 100/ 100 बेड का आईसीयू तैयार रखने का निर्देश दिया है। छले दिनों मुख्यमंत्री हर मंडल मुख्यालय पर 100/100 बेड का और जिला अस्पतालों में 25/25 बिस्तरों की क्षमता का बच्चों के लिए आईसीयू बनाने का निर्देश दे चुके हैं। साथ ही इसके लिए तय समय में जरूरी और दक्ष मानव संसाधन का बंदोबस्त करने का भी ।
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इंसेफेलाइटिस से मासूमों को बचाने के करीब चार दशक लंबे अनुभव के मद्देनजर बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिर्विसिटी के डॉक्टर इसके लिए बाकी चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग देगें।
गौरतलब है कि प्रदेश के करीब तीन दर्जन खासकर गोरखपुर और बस्ती मंडल के सभी जिलों वर्ष 1976, 1977 से मासूमों के लिए कॉल बनी इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण का श्रेय योगी सरकार को ही जाता है। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 95 फीसद की गिरावट आई है।
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जिस तरीके से सूबे के मासूमों को इंसेफेलाइटिस से बचाया गया उसी तरह से कोरोना के संभावित प्रकोप से बचाने लिए भी योगी सरकार की मुकम्मल तैयारी है।