लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने मोबाइल टॉवर को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। विभाग ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अब शहरों में मनमाने तरीके से अब मोबाइल टॉवर नहीं लगाए जा सकेंगे।
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक घनी आबादी के बीच व मानकों के खिलाफ इसे लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए संयुक्त रूप से स्थलीय सर्वे होगा। इसके अलावा प्रत्येक निकाय में नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे, जो अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करेंगे।
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बता दें कि हाल ही में नगर विकास विभाग ने शहरों में मोबाइल टावर लगाने को लेकर आने वाली समस्याओं पर एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई है। खासकर मनमाने तरीके से दिए जाने वाले एनओसी पर भी विचार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार शहरों में मोबाइल टावर लगाने के लिए निकाय और विकास प्राधिकरण से एनओसी लेना अनिवार्य होता है। नियमत: दोनों विभागों के बीच समन्वय करते हुए एनओसी दिया जाना चाहिए, लेकिन प्रदेश ऐसा नहीं किया जा रहा है।
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इस अनदेखी के कारण मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनियों के साथ शहरों में मानक के विपरीत लगने वाले टावर से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब नए फैसले के मुताबिक निकायों के नामित नोडल अधिकारी उप महानिदेशक यूपी इलेक्ट्रानिक कार्पोरेशन लिमिटेड से समन्वय कर ऑनलाइन व्यवस्था पर काम करेंगे।
अब मौके पर जाकर सर्वे टीम द्वारा यह पता लगाया जाएगा कि टावर लगाने के लिए स्थान मानक पूरा हो रहा है या नहीं। मानक पूरा करने वाले स्थल के लिए ही एनओसी दी जाएगी। साथ ही आवास बंधु के निदेशक से समन्वय स्थापित किया जाएगा, जिससे दोनों विभागों में बेहतर समन्वय के आधार पर काम हो सके।