उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ‘दो बच्चे ही अच्छे’ का संदेश घर-घर पहुंचाएगी। इसके लिए 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा शुरू किया जाएगा।
राष्ट्रीय हेल्थ मिशन ने इस विशेष व वृहद अभियान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। बता दें कि 27 जून से प्रदेश भर में दंपति संपर्क पखवाड़ा चलाया जा रहा है जो, 10 जुलाई तक चलेगा। दंपती संपर्क पखवाड़े के दौरान आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्र में दंपतियों को चिन्हित करेंगी। ऐसे दंपति, जिनके दो या उससे अधिक बच्चे हैं, उनकी काउंसिलिंग की जाएगी। वहीं नव दंपत्तियों को ‘हम दो हमारे दो’ से क्या लाभ है, इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्हें परिवार नियोजन से संबंधित क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं यह भी बताया जाएगा।
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जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान प्रचार के लिए मोबाइल वैन चलाई जाएंगी और गांव-गांव लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अर्पणा उपाध्याय की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
जन प्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक जिले में कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। निदेशक अर्पणा उपाध्याय ने बताया कि जुलाई माह में प्रदेश भर में वृहद जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य मित्तल ने कहा था कि हम एक ऐसा मसौदा तैयार कर रहे हैं जिसके जरिए जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे उनको सरकारी सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा। जिससे उनके ऊपर भी नैतिक दबाव पड़े, हालांकि इसमें किसी भी तरीके की सजा का प्रावधान नहीं है, सिर्फ और सिर्फ योजनाओं के आधार पर प्रयास किया गया है कि जनसंख्या नियंत्रण हो।
इसके पहले कांग्रेस ने इमरजेंसी के दौरान इस तरीके की परिवार नियोजन योजना लेकर कि आई थी लेकिन परिवार नियोजन योजना और जनसंख्या नियंत्रण कानून दोनों में बड़े फर्क को समझना होगा।