यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार आरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश की 39 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी ने बताया कि जल्द ही आयोग इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को संस्तुति भेजेगा।
जानकारी के अनुसार, इन 39 जातियों में भूर्तिया, अग्रहरि, दोसर वैश्य, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, बर्नवाल, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बागवान, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, हिन्दू भाट, भट्ट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट ओबीसी में शामिल हो सकती हैं।
इनके अलावा विश्नोई, खार राजपूत, पोरवाल, पुरूवार, कुन्देर खरादी, बिनौधिया वैश्य, सनमाननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गधईया, राधेड़ी, पिठबज आदि जातियों के लिए सर्वे होना है।
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राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी ने कहा है कि प्रत्यावेदन के आधार पर जातियों के सर्वे का कार्य लगातार चल रहा है। 24 जातियों का सर्वे हो चुका है, जबकि 15 जातियों का होना बाकी है. सर्वे इन जातियों में शिक्षा, जनसंख्या और आर्थिक आधार समेत कुल 35 बिंदुओं पर किया जाता है।
सर्वे का काम पूरा होने के बाद राज्य पिछड़ा आयोग सरकार को अपनी संस्तुति दे देगा। इनको शामिल करने को लेकर अंतिम फ़ैसला सरकार करेगी।
भूर्तिया, अग्रहरि, दोसर वैश्य, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, बर्नवाल, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बागवान, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, हिन्दू भाट, भट्ट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट, विश्नोई, खार राजपूत, पोरवाल, पुरूवार, कुन्देर खरादी, बिनौधिया वैश्य, सनमाननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गधईया, राधेड़ी, पिठबज।