लखनऊ। योगी सरकार ने राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने के लिए नया प्रयोग करने जा रही है। इसके तहत अब आईएएस अफसरों को अपनी साफ नीयत और साफ छवि का प्रमाण देने पर ही डीएम पद के लिए चुना जाएगा। इस फैसले के बाद जो आईएएस अफसर डीएम बनने का सपना देख रहे हैं। उन्हें अपनी छवि सुधारनी होगी और परफॉर्मेंस रेट भी अच्छा करना होगा। अफसरों को डीएम बनने के लिए ये साबित करना होगा कि वे जिम्मेदारी का पूरी तरह से पालन करेंगे।
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योगी सरकार प्रदेशवासियों को योजनाओं का लाभ देने। इसके अलावा उन्हें समय से न्याय दिलाने वाली परफॉर्मेंस को डीएम की तैनाती के लिए आधार बनाने पर जोर दे रही है। अफसरों को सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक अनिवार्य रूप से पहुंचाना होग।
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ऐसा न होने पर डीएम पद की जिम्मेदारी नहीं मिलेगी। सरकार ने उच्च स्तर पर जिलों में साफ छवि वाले आईएएस अफसरों को ही डीएम बनाने का निर्देश दिया है। सरकार चाहती है कि प्रदेश की जनता के साथ किसी तरह का कोई अन्याय न हो। इसलिए डीएम पद के लालच में अगर कोई अफसर अपनी परफॉर्मेंस की झूठी सूचना देता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी होगी।