लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने तलाकशुदा बेटी (Divorced Daughter) के हित में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि किसी सरकारी सेवक/पेंशनभोगी या उसकी पत्नी/पति की तलाकशुदा पुत्री को तब भी पारिवारिक पेंशन (Family Pension) स्वीकृत होगी जब उसके पिता/माता के जीवित रहते तलाक की कार्यवाही सक्षम न्यायालय में दायर कर दी गई थी और उनकी मृत्यु के बाद तलाक हुआ हो। शर्त यह होगी कि ऐसी तलाकशुदा पुत्री पारिवारिक पेंशन की पात्रता की अन्य सभी शर्तें पूरी करती हो। वित्त विभाग ने गुरुवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।
अभी तक यह व्यवस्था थी कि किसी सरकारी सेवक/पेंशनभोगी या उसकी पत्नी/पति पर आश्रित उसकी तलाकशुदा पुत्री तभी पारिवारिक पेंशन की हकदार होती थी जब उसका तलाक पिता/माता के जीवित रहते हो गया हो। इससे पहले केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने कहा है कि तलाक के बाद बेटी माता-पिता की फैमिली पेंशन पाने की हकदार है। कैट ने महिला (बेटी) के हक में फैसला देते हुए फैमिली पेंशन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों और नियमों को भी स्पष्ट किया है। कैट ने केंद्र सरकार और उत्तर रेलवे की उन दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि माता-पिता की मौत के बाद तलाक का फैसला होने पर बेटी फैमिली पेंशन पाने की हकदार नहीं होती है।
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बता दें कि केंद्र सरकार ने जुलाई 2017 में यह व्यवस्था की थी कि किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी/पेंशनभोगी पर आश्रित उसकी तलाकशुदा पुत्री तब भी पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी जब उसके तलाक की कार्यवाही उसके पिता/माता के जीवित रहते सक्षम न्यायालय में दायर कर दी गई थी और तलाक उनकी मृत्यु के बाद हुआ हो। राज्य सरकार ने ऐसे मामलों में केंद्र की व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है।लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government 2.0) ने तलाकशुदा बेटी के हित में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि किसी सरकारी सेवक/पेंशनभोगी या उसकी पत्नी/पति की तलाकशुदा पुत्री को तब भी पारिवारिक पेंशन स्वीकृत होगी जब उसके पिता/माता के जीवित रहते तलाक की कार्यवाही सक्षम न्यायालय में दायर कर दी गई थी और उनकी मृत्यु के बाद तलाक हुआ हो। शर्त यह होगी कि ऐसी तलाकशुदा पुत्री पारिवारिक पेंशन की पात्रता की अन्य सभी शर्तें पूरी करती हो। वित्त विभाग ने गुरुवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।
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अभी तक यह व्यवस्था थी कि किसी सरकारी सेवक/पेंशनभोगी या उसकी पत्नी/पति पर आश्रित उसकी तलाकशुदा पुत्री तभी पारिवारिक पेंशन की हकदार होती थी जब उसका तलाक पिता/माता के जीवित रहते हो गया हो। इससे पहले केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने कहा है कि तलाक के बाद बेटी माता-पिता की फैमिली पेंशन पाने की हकदार है। कैट ने महिला (बेटी) के हक में फैसला देते हुए फैमिली पेंशन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों और नियमों को भी स्पष्ट किया है। कैट ने केंद्र सरकार और उत्तर रेलवे की उन दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि माता-पिता की मौत के बाद तलाक का फैसला होने पर बेटी फैमिली पेंशन पाने की हकदार नहीं होती है।
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बता दें कि केंद्र सरकार ने जुलाई 2017 में यह व्यवस्था की थी कि किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी/पेंशनभोगी पर आश्रित उसकी तलाकशुदा पुत्री तब भी पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी जब उसके तलाक की कार्यवाही उसके पिता/माता के जीवित रहते सक्षम न्यायालय में दायर कर दी गई थी और तलाक उनकी मृत्यु के बाद हुआ हो। राज्य सरकार ने ऐसे मामलों में केंद्र की व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है।