उन्नाव। उन्नाव जिले में सुरेश नाई उर्फ सुरेश योद्धा ( Suresh Thakur ) की मौत हो गई है। उन्होंने 5 साल पहले समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। इसके बाद साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने लुक को लेकर सुर्खियों में आए थे। सियासी गलियारों में उन्हें सीएम योगी का हमशक्ल कहा जाता था। विधानसभा चुनाव में सपा ने उन्हें प्रचारक की जिम्मेदारी भी दी थी।
अखिलेश यादव उनको कई जनसभाओं में लेकर गए थे। मंच से उन्होंने सुरेश की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सपा में शामिल हो गए हैं। सुरेश योद्धा जिले के सोहरामऊ के चौपई गांव के रहने वाले थे। 27 जुलाई को पड़ोसियों ने उनसे मारपीट की थी। इसके बाद से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। गुरुवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
घटना अत्यंत हृदय विदारक- अखिलेश यादव
उनकी मौत पर सपा मुखिया ने ट्वीट कर कहा, ‘सपा के प्रचारक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले सुरेश ठाकुर की पीट-पीटकर हत्या की घटना अत्यंत हृदय विदारक है। सरकार से अपील है कि जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करे। भावभीनी श्रद्धांजलि’।
सोहरामऊ थाने के चौपाई गांव निवासी सुरेश नाई ( Suresh Thakur ) (45 साल) दो भाई थे। कोरोना संक्रमण से उनके छोटे भाई की मौत हो गई थी। बौद्ध धर्म को मानने वाले सुरेश 20 साल से लखनऊ में रह रहे थे। उनकी पत्नी सरिता वर्मा उद्योग निदेशालय में सांख्यिकीय अधिकारी पद पर हैं। उनका 5 साल का बेटा सम्राट है।
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उनकी पत्नी ने बताया कि 27 जुलाई को गांव के रमन सिंह और उमेश सिंह ने उनके साथ मारपीट की थी। इससे उनकी मौत हो गई। मारपीट के इस मामले में सुरेश ने प्रेम पुत्र बुधई से तहरीर दिलवाई थी। मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों पर कार्रवाई की थी। गुरुवार को सुरेश की अचानक मौत ने इस मामले को गर्म कर दिया है।
कुछ लोगों का मानना है कि हार्ट अटैक से मौत हुई है तो वहीं परिवारिजनों का आरोप है कि रमन और उमेश की मारपीट से मौत हुई है। सुरेश ( Suresh Thakur ) को पांच साल पहले नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद से उन्हें सपा मुखिया के साथ चुनावी मंचो पर भगवा वस्त्रों में देखा जाता रहा है।