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उत्तर प्रदेश सरकारः सेवा-सुशासन के 100 दिन

Yogi Sarkar

100 days of Yogi Sarkar

डिप्टी सीएम केशव मौर्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से चलने वाली योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार (Yogi Sarkar) अपने दूसरे कार्यकाल में प्रवेश कर विकास की रफ्तार पकड़ चुकी है। सरकार का ये दूसरा कार्यकाल नया जरूर है लेकिन प्रधानमंत्रीजी का आशीर्वाद, मार्गदर्शन, प्रेरणा, गरीबों के लिए समर्पण भाव से सेवा का उनका मूलमंत्र, अमित शाहजी का संगठन कौशल और योगीजी के नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश की इस नई सरकार को नई ऊर्जा दी है।

चुनाव में कार्यकर्ताओं का जो पसीना बहा, लाखों-लाख कार्यकर्ताओं और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना हमारी सरकार की दूसरी पारी में सबसे बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी है। पिछले पांच साल में हमने जैसी सरकार चलाई, जनता ने विधानसभा चुनाव में उस पर मुहर लगाई और दो तिहाई सीटें देकर हमें फिर से सेवा का मौका दिया है। इसलिए जनता की उम्मीदें हमसे अब पहले से कहीं ज्यादा हैं और ये स्वाभाविक भी है।

गांव, गरीब, किसान, युवा, वंचित और महिलाओं के स्वावलंबन, सशक्तिकरण के साथ आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति का कल्याण ही हमारे विचारों का मूल है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का जो विचार रखा था, उसका नया नाम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ ही सरकार चलाने का हमारा मंत्र है। गवर्नेंस के इसी मॉडल को आत्मसात करने की मोदीजी ने हमें प्रेरणा दी। उनकी प्रेरणा से चलने वाली हमारी ये सरकार भी गरीब कल्याण के विचारों को ही आधार मानकर चल रही है।

हर गरीब तक राशन, घर, शौचालय, रसोई गैस, आयुष्मान, नल से जल, बिजली, शिक्षा, सड़क और रोजगार पहुंचे, ये हमारी प्राथमिकताओं में है और हमने अपने पहले कार्यकाल में इसे पूरा कर दिखाया है। हमारे पहले कार्यकाल में पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा, सड़कें गड्ढा मुक्त की गईं। हर गरीब को मुफ्त राशन बिना भेदभाव के दिया गया। हमारी सोच है कि हर गरीब को आशियाना मिले, इसीलिए हमने पहले कार्यकाल में कुल 26 लाख 16 हजार आवास स्वीकृत किए जिसमें से 25 लाख से ज्यादा आवास बनाए भी जा चुके हैं और बचे हुए 1 लाख आवास के निर्माण का हमारा टारगेट इसी 100 दिन में पूरा हो गया है।

रोजगार प्राथमिकता में सबसे ऊपर

नई सरकार में रोजगार हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। हमारे मुख्यमंत्री ने कई अवसरों पर कहा है कि हर परिवार को रोजगार हमारा लक्ष्य है, चाहे वो नौकरी हो या स्वरोजगार। हम चाहते हैं कि युवा नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बने। इसलिये पहले सौ दिन में हमने कोई इन्वेस्टर समिट नहीं, बल्कि सफल ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की जिसमें निवेश के प्रस्ताव नहीं आए, बल्कि निवेश की शुरुआत हुई। सीधा निवेश मतलब सीधा रोजगार।

संकल्प पत्र की ओर बढ़ चले हैं मिशन मोड में

पिछले कार्यकाल की तर्ज पर ही इस नई सरकार में भी हमने लोक कल्याण संकल्प पत्र जनता के सामने रखा है और हम मिशन मोड में संकल्प पत्र को पूरा करने की ओर बढ़ चले हैं। किसी भी जिंदा लोकतंत्र में सरकार चलाने वाले राजनीतिक दल की ओर से जनता से किए गए वादों और काम को लेकर पारदर्शिता सबसे जरूरी होती है। प्रधानमंत्री मोदीजी ने 12 साल के मुख्यमंत्रित्व काल और 8 साल प्रधानमंत्री के रूप में अबतक के सफलतम काल में हमें सरकार चलाने की यही सीख दी है और उनकी उम्मीदों पर हम अपनी सरकार के गवर्नेंस को लेकर खरे उतरेंगे, ऐसा हमें पूरा विश्वास है।

पिछली सरकारों ने समझ रखा था चारागाह

असली भारत गांव में बसता है। ऐसे में नई सरकार पूरी ताकत से गांव के विकास को कटिबद्ध है। गांव में मंत्री भी रात गुजारेंगे और लोगों की समस्याओं से रूबरू होंगे। मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार देकर अफसरों के कार्यों पर पैनी नजर रखी जा रही है। पिछली सरकारों ने यूपी को अपना चारागाह समझ रखा था। चाहे सपा की सरकार रही हो या बसपा की, दोनों सरकारें भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी थीं। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें दोबारा पनपने का मौका ही नहीं दिया।

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पिछली दोनों सरकारें, खासकर अखिलेश यादव की सरकार जितनी भ्रष्ट रही, उतनी ही अल्पसंख्यक, गुंडे और अपराधियों के तुष्टिकरण की पोषक भी रही। जनता ने देखा था कि कैसे कुछ चुनिंदा लोगों को तरजीह दी गई, कैसे विकास को सैफई जैसे इलाकों तक सीमित रखा गया। बिजली को भी वर्ग विशेष के इलाकों और त्योहारों तक सीमित रखा गया। ये सब जनता चुपचाप देख रही थी। इसलिए जब जनता का वक्त आया तो एक बार नहीं, दूसरी बार भी हमें झोली भरकर आशीर्वाद दिया।

हमें मिल रहा हमारी सेवा का फल

हमें हमारी सेवा का फल मिल रहा है। सिर्फ विधानसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी जनता ने दिखा दिया कि जिस समीकरण पर अखिलेश यादव टिके हैं, वो भी धवस्त हो गया है और यादव समाज भी बीजेपी के साथ बड़ी तादात में खड़ा हो रहा है।

ये हमारी सरकार की नई दृष्टि है कि हम सबका साथ लेते हैं लेकिन हमें किसी का तुष्टिकरण नहीं करना। प्रधानमंत्रीजी ने सबका साथ-सबका विकास के साथ सबका विश्वास का जो मंत्र दिया है, यही हमारी सरकार का मूल मंत्र है। नई सरकार की दिशा तो वही है जो प्रधानमंत्रीजी ने तय कर दी है। अब सरकार की रफ्तार भी तेज है। उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर तेज गति से चल पड़ा है।

भाजपा पार्टी नहीं, लोक कल्याण के आदर्शों का नाम

भाजपा पार्टी का नाम नहीं, लोक कल्याण के आदर्शों का नाम है। भारतीय सांस्कृतिक सभ्यता के मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का नाम है। जनता के गिरे हुए विश्वास को पुनर्स्थापित करने का नाम है। उत्तर प्रदेश में विकास की पवित्र गंगा बह रही है। अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं को मूर्तरूप दिया जा रहा है। सोशल सेक्टर की योजनाओं से सभी पात्र लोगों को पूरी पारदर्शिता के साथ लाभान्वित किया जा रहा है। जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बिचौलिए और दलालों की दखलंदाजी बिल्कुल बंद हो गई है। अब लाभार्थियों के खाते में सीधे धनराशि भेजी जा रही है।

यूपी में देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता

उत्तर प्रदेश नई उड़ान के साथ आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश, देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता रखता है। अर्थव्यवस्था को नई गति देने के लिए उत्तर प्रदेश में टीम वर्क के परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में 86 लाख लघु सीमांत किसानों का ऋण मोचन किया गया। 15 करोड़ गरीबों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में लाभान्वित किया जा रहा है।

योगी सरकार 2.0 के सौ दिनों में तेजी से बढ़ी मेडिकल की सुविधाएं

उज्ज्वला योजना के 1 करोड़ 67 लाख लाभार्थियों को होली और दीवाली में मुफ्त गैस सिलेंडर दिया जाएगा। गन्ना किसानों को भाजपा सरकार के गठन से लेकर अब तक 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है। योगी सरकार 2.0 ने 6 लाख 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के विशाल और सर्वसमावेशी बजट में सभी  मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने को प्राथमिकता दी है।

महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तिकरण पर जोर

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किए बिना किसी भी देश, प्रदेश का समग्र विकास संभव नहीं है और असली भारत तो गांवों में बसता है। इसलिए ग्रामीण जन जीवन की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना बहुत जरूरी होता है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश में पूरी तरह गतिमान है और ग्राम्य विकास की अनेकानेक योजनाओं के माध्यम से गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इसमें महिलाओं के स्वावलंबन और महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं 64 लाख महिलाएं

उत्तर प्रदेश में 6 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह बने हैं जिनसे 64 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। 32654 बीसी सखियों ने लगभग 3869.74 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन बैंकों से कराया है जिसपर उन्हें 9.82 करोड़ रुपये से अधिक कमीशन प्राप्त हुआ है। 61050 समूहों की ओर से 1 लाख 64 हजार 177 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ड्राई राशन के वितरण का कार्य किया जा रहा है।

योगी 2.0: सेवा, सुरक्षा और सुशासन के लिए समर्पित 100 दिन

9 हजार विद्युत सखियों ने 133 करोड़ रुपये के विद्युत बिल का कलेक्शन कराया है जिसमें उन्हें 1.90 करोड़ रुपये कमीशन मिला है। 1845 सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से किया जा रहा है। 54476 ग्राम पंचायतों के सामुदायिक शौचालय का प्रबंधन समूह की महिलाओं की ओर से किया जा रहा है। स्कूल यूनिफॉर्म सिलाई कार्यक्रम के तहत 2020-21 में ही एक करोड़ से अधिक स्कूल ड्रेस की सिलाई समूह सदस्यों की ओर से किया गया है।

मनरेगा के तहत बनाए गए 11 हजार खेल मैदान

प्रेरणा ओजस योजना में सोलर लैंप असेंबल कर 29 लाख विद्यार्थियों में वितरित किए गए हैं। मनरेगा से 11 हजार खेल के मैदान बनाए गए हैं। 5882 खेल मैदान तैयार कर उन्हें संवारा जाएगा। प्रदेश में लगभग 1 लाख 20 हजार अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम भाग की प्रथम किस्त केंद्रांश की धनराशि 18 अरब 52 करोड़ रुपये का आवंटन उत्तर प्रदेश के लिए किया गया है।

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सदस्यों (विधायक निधि) के लिए 1.50 करोड़ रुपये प्रति सदस्य की दर से प्रथम किस्त के रूप मे 7 अरब 41 करोड़ रुपये की धनराशि निर्गत की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रथम और द्वितीय चरण में प्रदेश में 57162 सड़कों का निर्माण हो चुका है और तृतीय फेज में 18770 किलोमीटर लंबाई वाले 2534 मार्ग का कार्य प्रगति पर है।

उत्तर प्रदेश सरकारः सेवा-सुशासन के 100 दिन

भाजपा ने अपने दूसरे कार्यकाल में मनरेगा के तहत 100 दिन में 39.11 लाख परिवारों को रोजगार देते हुए 9.95 करोड़ मानव दिवस सृजित किए। 6000 अमृत सरोवरों के लक्ष्य के सापेक्ष 6291 अमृत सरोवरों पर कार्य प्रारंभ कर लिया गया है। 2600 खेल मैदान के लक्ष्य के सापेक्ष 3251 खेल मैदानों पर कार्य प्रारंभ कर लिया गया है। 15000 महिला मेट के नियोजन के लक्ष्य के सापेक्ष मनरेगा के तहत 15169 महिला मेट को नियोजित किया गया है।

150 लक्षित हाईटेक नर्सरी के लक्ष्य के सापेक्ष उद्यान विभाग की ओर से 21 हाईटेक नर्सरी की स्थापना की जा रही है। 129 हाईटेक नर्सरी के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। 64 विलुप्तप्राय नदियों को लेकर भी कार्य प्रारंभ कर लिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 100 दिन में 5000 किलोमीटर पर कार्य प्रारंभ कर लिया गया है।

ग्रामोत्थान की दिशा में अग्रसर है उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 100 दिन में 50141 नए स्वयं सहायता समूहों का गठन कर लिया गया है। 82520 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फंड, स्टार्टअप और कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट सपोर्ट फंड के रूप में 400 करोड़ का वितरण किया गया है। 436 प्रोड्यूसर ग्रुप का गठन पूर्ण कर लिया गया है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत 4 कॉमन इनक्यूवेशन सेंटर का लखनऊ, अयोध्या, बस्ती और आगरा में निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। गोरखपुर के भूमि परीक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जिसमें निर्माण कार्य शीघ्र ही प्रारंभ कर दिया जाएगा।

क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान और विश्लेषण केंद्र लखनऊ में नवीन मशीनों का शुभारंभ हो गया है। मशीनें सुचारू रूप से काम कर रही हैं। उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत प्रदेश में पूंजी निवेश, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार, कृषकों को उनके उत्पाद का समुचित मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न सेक्टरों में 2272 उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस तरह उत्तर प्रदेश ग्रामोत्थान की दिशा में अग्रसर है।

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