लखनऊ। पालतू पशु खासकर गायों में फैल रहे लंपी वायरस (Lumpi Virus) की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) तमाम उपाय कर रही है। इसके तहत वायरस से प्रभावित जनपदों में 17 लाख 50 हजार से अधिक टीके उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं, बायो फेंसिंग के लिए रिंग वैक्सीनेशन (Ring Vaccination) की शुरुआत कर दी गई है।
उधर, प्रदेश सरकार ने 7 मंडलों में सीनियर नोडल अधिकारियों को तैनात करने का फैसला किया है। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को मंडलों में भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद ये अधिकारी 4 सितंबर तक मुख्यमंत्री को पूरी रिपोर्ट सौपेंगे। रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी वायरस (Lumpi Virus) के खिलाफ अभियान में नई रणनीति पर फैसला लेंगे। दरअसल प्रदेश के 21 जिलों में 25 गो आश्रय केंद्र हैं। इन गो आश्रय केंद्रों में हजारों गाय हैं। सरकार इन गायों को लंपी वायरस से बचाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
जिलों में बनाए गए कंट्रोल रूम
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में लंपी वायरस (Lumpi Virus) से बचाने के लिए पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने जिस तरह से कोविड काल में कोविड कंमाड सेंटर बनाया था, कुछ उसी तर्ज पर लंपी वायरस (Lumpi Virus) से बचाव के लिए कई जिलों में कंट्रोल रुम बनाया गया है। ये कंट्रोल रूम लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं। यहां लंपी वायरस की मॉनीटरिंग की जा रही है। कंट्रोल रूम में वायरस के प्रभाव और संक्रमण के प्रसार पर नजर रखी जा रही है।
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गायों पर सबसे ज्यादा असर
लंपी वायरस संक्रमण (Lumpi Virus) की सबसे ज्यादा शिकार गायें हो रही हैं। भैंसो में इसका संक्रमण न के बराबर है। इस वायरस से संक्रमित पशुओं के नाक और मुंह से पानी व लार गिरने लगती है। तेज बुखार होता है और ऐसे जानवर भोजन छोड़ देते है। ऐसे पशुओं की चमड़ी के नीचे पहले छोटे-छोटे दाने निकलना शुरु हो जाते हैं। यह दाने घाव में बदल जाते हैं। यह अधिकतर मवेशियों के मुंह और गर्दन के पास पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी रोकथाम और उपचार को लेकर दिशा निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं। पशुओं के हाट/मेले पर रोक समेत कई उपाय किये गये हैं।