उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के ड्राइवर अशोक कुमार वर्मा की रविवार रात मौत हो गई। घरवालों का आरोप है कि 58 साल के अशोक लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
उनकी तबीयत खराब होने के बावजूद जबरन उन्हें मंत्री की गाड़ी चलाने के लिए बुलवाया गया। घरवालों ने राज्य संपत्ति विभाग के मोटर इंचार्ज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए हजरतगंज थाने में तहरीर दी है।
निशातगंज के पेपर मिल कॉलोनी के रहने वाले अशोक कुमार वर्मा (58) लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें हार्ट और ब्लड प्रेशर की दिक्कत थी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में वह इलाज करवा रहे थे। इसके लिए उन्होंने छुट्टी भी ले रखी थी। घरवालों का कहना है कि बीमारी से वह अभी ठीक भी नहीं हुए थे कि एक सितंबर को उन्हें जबरन ड्यूटी पर बुलाकर सुरेश राणा की गाड़ी चलाने के लिए भेज दिया गया। रविवार शाम वह मंत्री को छोड़ने एयरपोर्ट गए थे जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। मंत्री सुरेश राणा ने इसकी जानकारी राज्य संपत्ति विभाग के मोटर इंचार्ज अंबरीश श्रीवास्तव को दी, लेकिन अंबरीश ने इसके बारे में किसी अधिकारी को नही बताया। मंत्री के काफिले में शामिल लोग अशोक को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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अशोक की पत्नी रजनी ने बताया कि पति की हालत काफी गंभीर थी। डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें रेस्ट करने को कहा था। इलाज के सभी पेपर विभागीय अफसरों को दिए गए थे। इसके बावजूद एक सितंबर को मोटर इंचार्ज अंबरीश ने उन्हें जबरन ड्यूटी पर आने को कहा। ड्यूटी पर न पहुंचने पर सस्पेंड करने की धमकी दी।
निलंबन के डर से तबियत ठीक न होने के बावजूद अशोक को ड्यूटी पर जाना पड़ा। रजनी का आरोप है कि अंबरीश काफी समय से अशोक को प्रताड़ित कर रहा था। ACP हजरतगंज राघवेंद्र मिश्रा का कहना है कि रजनी ने मोटर इंचार्ज के खिलाफ तहरीर दी है। आरोप की जांच कर आगे कार्रवाई की जाएगी।