नई दिल्ली। योशिहिडे सुगा को जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नेता चुना गया है। इसके बाद अब वह जापान के नए प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा बनेंगे। सोमवार को उन्होंने बेहद आसानी से आंतरिक मतदान में जीत हासिल कर ली। अब वह पूर्व प्रधानमंत्री शिजों आबे की जगह लेंगे।
बता दें कि सुगा वर्तमान में कैबिनेट सचिव हैं। उन्हें 534 में 377 वोट मिले। इस प्रकार उन्होंने अपने दो विरोधियों पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा और पूर्व विदेश मंत्री फुमियो किशिदा को हराया है।
गौरतलब है कि शिंजो आबे ने स्वास्थ्य परेशानियों की वजह से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सुगा 8 साल से कैबिनेट सचिव के पद पर कार्य कर रहे हैं। उनको पूर्व पीएम आबे का करीबी माना जाता है।
इन दोनों नेताओं का भी नाम था आगे
जापान के प्रधानमंत्री पद की रेस में एलडीपी के दो और नेता शामिल थे। इसमें एलडीपी के पॉलिसी चीफ फुमियो किशिदा और पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा, लेकिन इन दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए सुगा आगे निकल गए। आंतरिक मतदान में किशिदा ने 89 और इशिबा 68 ही पा सके। निचले सदन में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के पास बहुमत है। अब इसलिए यह पक्का है कि सुगा ही जापान के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे।
71 वर्षीय सुगा को एक शक्तिशाली सरकारी सलाहकार और प्रवक्ता के तौर पर जानते हैं। उन्हें देश में स्थिरता लाने और आबे की नीतियों को जारी रखने वाले नेता के रूप में देखा जाता है। सुगा ने कहा भी है कि वह प्रधानमंत्री उम्मीदवारी आबे के कार्यक्रमों को जारी रखने की इच्छा से की है।
योशिहिडे सुगा का जन्म 6 दिसंबर 1948 को एक किसान परिवार में अकिता राज्य में हुआ। वह अपने परविरा पहले ऐसे व्यक्ति हैं राजनीति में कदम रखेगा। सुगा के पिता वासाबुरो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान साउथ मंचूरिया रेलवे कंपनी में भी काम किया करते थे। वह युद्ध में जापान के सरेंडर करने के बाद वापस लौट आए थे। इसके बाद देश के अकिता राज्य के युजावा कस्बे में स्ट्रॉबेरी की खेती करने लगे। सुगा अपने माता-पिता की सबसे बड़ी संतान हैं जिसके कारण वह खेतों में पिता के काम में सहायता करते थे। सुगा की मां टाटसु एक स्कूल अध्यापक थीं।
65 साल के शिंजो आबे लंबे समय से पेट से ग्रसित हैं। वह अगस्त महीने में दो बार अस्पताल जा चुके हैं। स्थानीय मीडिया का कहना था कि आबे नहीं चाहते थे उनकी सेहत के कारण सरकार के कामकाज पर किसी तरह का असर पड़े। इसी वजह से उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया।