आज के समय में योग को इतना महत्व दिया जा रहा हैं, जिसे देखकर ही उससे होने वाले फायदे समझ आ जा रहे हैं। ऐसे में यह योग शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के लिए तंदुरस्त होने का एकमात्र तरीका है। साथ ही इस योग से न सिर्फ फिट रहा जा सकता हैं बल्कि यह हमारे दिमाग को भी शांत रखती हैं। जिससे हमारा मन और दिमाग दोनों किसी भी काम को करने में अच्छे से लगता हैं।
वहीं आज के समय में थायरॉइड एक ऐसी बीमारी हो गई है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। थायरॉइड गर्दन में पाई जाने वाली एक ग्रंथि है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। जब थायरॉइड ग्रंथि ज्यादा थायरॉक्सिन हार्मोन को पैदा करने लगती है तो इंसान कई परेशानियों का शिकार हो जाता है।
अनियंत्रित मेटाबॉलिज्म का असर शरीर के वजन पर भी पड़ता है। थायरॉइड की समस्या से परेशान लोगों के लिए योग करना बहुत ही फायदेमंद होता है।इसीलिए आज हम आपको उन 3 ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जिसके जरिये आप थायरॉइड की समस्या से जल्द ही छुटकारा पा सकते हैं।
विपरीत करनी
इस योगासन का अभ्यास करना बहुत ही सरल है। थायरॉइड रोगियों के लिए यह योगासन बहुत लाभकारी है। इस आसन के करने से सिर दर्द, कमर दर्द, घुटनों का दर्द जैसी तमाम मुश्किलें दूर होती हैं। विपरीत करनी के अभ्यास के लिए दीवार के पास एक चटाई बिछा लें और पीछे की ओर झुकते हुए लेट जाएं।
उसके बाद अपने पैर और कूल्हे को दीवार के सहारे लगाकर ऊपर की तरफ उठा लें इस अवस्था में हाथों को शरीर से दूर रखें। ऐसा आपको 5 से 10 मिनट तक करना होगा उसके बाद आप उठकर बैठ जाएं और कुछ देर तक आराम करें। यदि आपको गर्दन दर्द की समस्या है तो आपको इस योगासन को करने से बचना चाहिए।
मत्सयासन
इस आसन को फिश पोज भी कहते हैं। इससे आपका कमर दर्द ठीक होता है और आपके गर्दन की चर्बी भी कम होती है। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। इस योग को करने से कंधे, गर्दन, कमर में खिंचाव महसूस होता है, जिससे मांसपेशियों का तनाव दूर होता है। यदि आपको कब्ज की समस्या है तो यह आपको उससे निजात देने में लाभकारी होगा। यह योग घुटने के दर्द को कम करता है, साथ ही यह आंखों के लिए भी अच्छा है।
हलासन
इस आसन का अभ्यास करना थोड़ा मुश्किल तो है लेकिन बहुत ही लाभकारी है। थ सबसे पहले जमीन पर दरी बिछा लें। इसके बाद जमीन पर बिछी दरी पर सीधा लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथो को जमीन पर रखें और पैरों को आपस में जोड़ लें। अब अपने दोनों पैरो को धीरे से उठाकर अपने नितम्ब को भी हल्का सा ऊपर उठा लें।
अब अपने हाथो की मदद से अपने दोनों पैरो को सिर के पीछे जमीन की तरफ ले जाएं। अब अपने पैर और घुटनों को सीधे रखें और अपने हाथों को नितंम्ब के बगल पर ही रखें। इस स्थिति में थोड़ी देर रहने के बाद वापस आ जाएं।