नई दिल्ली| सरकार एलटीसी (LTC) कैश वाउचर स्कीम के लिए प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों पर बहुत अधिक भरोसा कर रही है। जैसा ज्यादातर मामलों में होता आया है ये स्कीम सरकारी कर्मचारियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। ऐसा करने की सलाह प्राइवेट सेक्टर को भी दी गई है लेकिन प्राइवेट सेक्टर में लीव इनकैशमेंट या एलटीए बहुत अधिक नहीं होता। ऐसे में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी एलटीए पर टैक्स बचाने के लिए भारी-भरकम खरीदारी करेंगे?
सरकारी बाबुओं के लिए सरकार की तरफ से ये एक उपहार है क्योंकि बिना किसी ट्रिप पर गए या खर्चों को दिखाए वह एलटीसी का दावा नहीं कर सकते। जबकि, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी टैक्स भरकर एलटीए ले सकते हैं। एलटीए प्राइवेट सेक्टर में कंपनी के खर्च में शामिल होता है।
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मान लीजिए मौजूदा वित्त वर्ष में आपका एलटीए एक लाख रुपये है। आपको टैक्स फ्री क्लेम के लिए टिकट देनी होगी या इस पर 30 हजार रुपये टैक्स चुकाना होगा। अब सरकार आपको ऐसी विंडों दे रही है जिसके जरिए आप बिना टैक्स भरे या गोवा या केरल जैसी जगहों पर छुट्टी पर जाए बगैर 30 हजार रुपये बचा सकते हैं, जो आप टैक्स में भरते।
इसके लिए आपकों 3 लाख रुपये कार, लेपटॉप, टीवी सेट, फ्रिज, स्मार्टफोन आदि खरीदने पर खर्च करना होगा जिन पर 12 फीसदी से अधिक जीएसटी लगता है। प्रोडक्ट के अलावा सर्विस जैसे टर्म इश्योरेंस या यूलीप्स आदि पर खर्च कर सकते हैं जिन पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है।