साल 2023 का सबसे बड़े राशि परिवर्तन 30 अक्टूबर को होगा। राहु-केतु (Rahu-Ketu) इस दिन एक-एक राशि पीछे हो जाएंगे। राहु मेष से मीन और केतु तुला से कन्या राशि में विराजमान होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चांडाल योग खत्म होने जातकों को राहत मिलेगी। राहु-केतु (Rahu-Ketu) का यह गोचर करीब डेढ़ वर्ष बाद होने से ये साल का सबसे बड़ा ग्रहों का परिवर्तन है। बता दें राहु-केतु छाया ग्रह है। इन दोनों ग्रहों के कारण कालसर्प दोष, पितृ दोष, गुरु चांडाल योग और अंगारक योग बनता है, जो बेहद अशुभ होते हैं।
इन राशियों में डेढ़ वर्ष रहेंगे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 11 अप्रैल से राहु-केतु तुला राशि में विराजमान हैं। जो डेढ़ साल बाद 30 अक्टूबर को रात्रि 8.28 बजे राशि परिवर्तन करेंगे। राहु फिलहाल मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि में है। केतु तुला राशि में है। राहु मीन राशि और केतु कन्या राशि में जाएंगे। दोनों ग्रहों इन राशियों में डेढ़ साल तक रहेंगे।
मेष-तुला समेत कई राशियों की दूर होगी समस्या
राहु-केतु (Rahu-Ketu) के राशि परिवर्तन का असर 12 राशियों पर पड़ेगा। मेष और तुला समेत कुछ राशि के जातकों को मानसिक राहत मिलेगी। मेष राशि में राहु और देवगुरु बृहस्पति एक साथ थे, जो एक-दूसरे के विरोधी हैं। मेष और तुला राशि के जातक कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्हें 30 अक्टूबर के बाद राहत मिलेगी।
राहु-केतु (Rahu-Ketu) गोचर 2023 समय और अवधि
राहु का गोचर 30 अक्टूबर की दोपहर 02.13 मिनट पर होगा। इस दौरान राहु अपनी व्रकी चाल चलते हुए मेष से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा। वहीं, केतु का गोचर भी 30 अक्टूबर को ठीक 02.13 मिनट पर होगा। यह तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर कर जाएगा।
राहु-केतु (Rahu-Ketu) गोचर से इन राशियों का रहना होगा सावधान
वृष राशि
इस अवधि में वृष राशि के जातकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। फिजूलखर्ची के कारण आर्थिक स्थिति तंग हो सकती है। आपका पारिवारिक जीवन परेशानियों से घिरा रहेगा। इस दौरान ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
कन्या राशि
राहु केतु गोचर (Rahu-Ketu) का नकारात्मक प्रभाव कन्या राशि के जातकों के जीवन पर दिखाई देगा। इस दौरान परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप नौकरीपेशा है तो तमाम परेशानियां घेर सकती हैं। करीबी से खटास होने की संभावना है।
राहु-केतु (Rahu-Ketu) के प्रकोप से बचाएंगे ये ज्योतिष उपाय
>> माता दुर्गा और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। साथ ही ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे राहु-केतु से जुड़ी परेशानी दूर होती है।
>> राहु और केतु (Rahu-Ketu) के बीज मंत्र का रोजाना जाप करें।
>> गोमेद और लहसुनिया रत्न का दान करें।
>> सरसों के तेल, सिक्के और 7 तरह के अनाज का दान भी कर सकते हैं। ऐसा करने से राहु से जुड़ी परेशानियां दूर होती है। केतु
ग्रह के लिए तिल या काले कंबल का दान करें।
>> रुद्राक्ष धारण करने से भी राहु-केतु से संबंधित अड़चने दूर होती हैं।