लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे कराने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं उन्हें शीघ्र अनुदान दिया जाय।
राहत आयुक्त संजय गोयल ने बुधवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिये है कि बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे तत्काल करा लिया जाए तथा जिन कृषकों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं, उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किया जाए। बाढ़ शरणालय में रह रहे लोगों के लिए सोशल डिस्टेसिंग के उचित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ ही भोजन आदि की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त बाढ़ शरणालय के साथ ही पशु शरणालय भी बनाए जाएं तथा वहां चारे इत्यादि की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होेंने कहा कि बाढ़ से विस्थापित पशुओं की उचित देखभाल की जाय।
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श्री गोयल ने बताया कि राज्य में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एनडीआरएफ की 12 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी0की 17 टीमों की तैनाती की गयी है। 837 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।
उन्होंने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 19 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, पीलीभीत, संतकबीरनगर, शाहजहांपुर तथा सीतापुर के 922 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।
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श्री गोयल ने बताया कि राज्य में 465 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,94,107 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,590 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।