रायबरेली। उत्तर प्रदेश में रायबरेली की एक अदालत ने अपहरण और दुराचार के अभियुक्त को 10 वर्ष के सश्रम कारावास (Imprisonment) और 18 हज़ार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक वेदपाल सिंह ने मंगलवार को बताया कि जिला सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट प्रथम आलोक कुमार सिंह ने पास्को के अपराधी गोली उर्फ दिलीप कुमार को नाबालिग लड़की के अपहरण और दुराचार के करीब 10 वर्ष पुराने मामले में 10 वर्ष सश्रम कारावास (Imprisonment) और 18 हज़ार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
उन्होंने बताया कि मुलजिम गोली और पीड़िता का भाई आपस मे दोस्त थे। इस कारण से मुल्जिम पीड़िता के घर आता जाता था। मुल्जिम ने पीड़िता के भाई से दोस्ती की आड़ में नाबालिग पीड़िता से भी दोस्ती कर ली और उसे फुसलाकर उसके घर से 10 हज़ार रुपये और जेवर के साथ उसे भगा कर सूरत चला गया था।
पीड़िता के परिजनों को धमकी देता था कि वह दलित है और हरिजन एक्ट में फंसा देगा। सूरत में मुल्जिम ने पीड़िता के साथ दुराचार किया और शादी करने से इंकार कर दिया तथा कई तरह से पीड़िता के साथ अत्याचार करता रहा।
पुलिस के सहयोग से किसी तरह से पीड़िता को बरामद करके उसके मां बाप को सौंपा गया। अदालत ने गवाहों और सबूतों के आधार पर मुल्जिम को दोषी पाया और सजा सुनाई।